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फिलिस्तीन के विद्रोही गुट हमास की तरफ से इजरायल (Israel-Palestine Conflict) पर ताबड़तोड़ रॉकेट हमले और जवाब में इजरायल की तरफ से युद्ध की घोषणा ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है.
7 अक्टूबर की सुबह हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर एक के बाद रॉकेट हमले शरू कर दिए. दावा किया जा रहा है कि इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे गए. हमले और जवाबी हमले में दोनों ओर से सैकड़ों लोग मारे गये हैं..
हमास के हमले से पूरी दुनिया हैरान है. कई बड़े देशों ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी. किसी ने हिंसा की निंदा की तो किसी ने शांति की अपील की. आइए देखते हैं कि इसपर किस देश ने क्या कहा है.
भारत की तरफ से पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्हें हमले की निंदा करते हुए लिखा, "इजरायल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ खड़े हैं."
बेल्जियम की विदेश मंत्री हादजा लाहबीब ने कहा कि बेल्जियम इजरायली नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमलों की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने आगे कहा, "हिंसा और आतंक केवल पीड़ा को कायम रखता है और बातचीत के रास्ते में बाधा डालता है. हमारी संवेदनाएं उन सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं."
यूरोपीन कमीशन के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "मैं इजरायल के खिलाफ हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करती हूं. ये आतंकवाद का सबसे घृणित रूप है. इजरायल को ऐसे जघन्य हमलों के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है."
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इजराइल के खिलाफ "आतंकवादी हमलों" की निंदा की. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं उन आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं जो वर्तमान में इजराइल पर हो रहे हैं. मैं पीड़ितों, उनके परिवारों और उनके करीबी लोगों के प्रति अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता हूं."
इजराइल में फ्रांसीसी दूतावास ने शनिवार को हमलों को "अस्वीकार्य आतंकवादी हमले" बताया. फ्रांसीसी दूतावास ने लिखा,
मिस्र ने राज्य समाचार एजेंसी द्वारा जारी विदेश मंत्रालय के एक बयान में इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच तनाव बढ़ने से 'गंभीर परिणाम' की चेतावनी दी.
उन्होंने "अधिकतम संयम बरतने और नागरिकों को और ज्यादा खतरे में डालने से बचने" का आह्वान किया.
मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी ने भी यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल के साथ घटनाक्रम पर चर्चा की, जिसमें कहा गया कि दोनों पक्षों को गंभीर जोखिमों से बचने के लिए संयम बरतना चाहिए.
जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि बर्लिन "इजरायल के खिलाफ गाजा से आतंकवादी हमलों की दृढ़ता से निंदा करता है." उन्होंने आगे कहा, हमास हिंसा को तेज करने में योगदान देता है... निर्दोष लोगों पर लक्षित हिंसा और रॉकेट तुरंत बंद होने चाहिए"
ISNA समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अली होसैनी खामेनेई के एक सलाहकार ने कहा कि ईरान फिलिस्तीनियों के हमले का समर्थन करता है.
कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए केवल इजरायल ही जिम्मेदार है.
कतर ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा कि वो इजराइल को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ असंगत युद्ध शुरू से रोके.
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव के हवाले से बताया कि रूस इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के बढ़ने के संबंध में इजरायल, फिलिस्तीनियों और अरब देशों के संपर्क में है.
उन्होंने कहा, "यह कहने की जरूरत नहीं है कि हम हमेशा संयम बरतने का आह्वान करते हैं."
सऊदी अरब की राज्य समाचार एजेंसी ने बताया कि सऊदी अरब ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच "तत्काल हिंसा बंद करने" का आह्वान किया. बयान में कहा गया है, "हम कई फिलिस्तीनी गुटों और इजरायली कब्जा करने वाली सेनाओं के बीच अभूतपूर्व घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं"
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा कि ब्रिटेन ने भी शनिवार को इजरायल पर हमास के हमले की आलोचना की.
जेम्स क्लेवरली ने आगे कहा, “ब्रिटेन इजरायली नागरिकों पर हमास द्वारा किए गए भयानक हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा करता है. ब्रिटेन हमेशा इजरायल के अपनी रक्षा के अधिकार का समर्थन करेगा."
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