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इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन के तहत सबसे अधिक परेशानी उठा रहे लोगों की मदद के लिए, इंग्लैण्ड 50 मिलियन पाउंड (68.42 मिलियन अमरीकी डालर) देगा.
रविवार को उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने जी20 के नेताओं से अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को अंतर्राष्ट्रीय विकास प्रयासों में प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
यह घोषणा उस समय में हुई है जब G20 के सभी नेता शिखर सम्मेलन के लिए रोम में बैठक कर रहे हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ढाई मिलियन अफगानोंको आज पीएम द्वारा घोषित 50 मिलियन पाउंड की फंडिंग के लिए तत्काल लाइफ-सेविंग मानवीय सहायता मिलेगी, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और लड़कियां हैं.
बयान में आगे कहा गया कि सितंबर में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित अफगानिस्तान के लिए यूके की 286 मिलियन पाउंड की सहायता राशि, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के माध्यम से बांटी की जाएगी.
इस फंडिंग से अफगानिस्तान में सर्दियों के महीनों में भोजन, पोषण, आश्रय और दवा की महत्वपूर्ण आवश्यकता में मदद मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र की व्यापक मानवीय प्रतिक्रिया को बढ़ावा मिलेगा.
लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के पतन और तालिबान द्वारा सत्ता संभालने के मद्देनजर अफगानिस्तान एक मानवीय संकट का सामना कर रहा है. वर्तमान में, कम से कम 18 मिलियन लोग या देश की लगभग आधी आबादी इससे प्रभावित है.
यूके गवर्नमेंट की ओर से कहा गया कि अगस्त में तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति तेजी से खराब हुई है.
ईरान द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि अफगानिस्तान एक मानवीय संकट का सामना कर रहा है और विकास एक तबाही के कगार पर है. उन्होंने देशों से एक स्वर से बोलने का आग्रह किया.
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