तालिबान ने दी थी धमकी
तालिबान ने पीआईए और काम एयर को टिकटों की कई गुना बढ़ी की कीमतों को लेकर धमकाया था. तालिबान ने दोनों एयरलाइनों से कहा था कि वे इस्लामाबाद के लिए उड़ानों की कीमत 15 अगस्त से पहले की तरह कर दें, नहीं तो उड़ानों को रोक दिया जाएगा.
अफगानिस्तान के परिवहन मंत्रालय ने कहा था कि 15 अगस्त को उनके शासन लागू होने से पहले विमान का जो किराया था. वही फिर से लागू किया जाए. साथ ही उसने यात्रियों से भी ज्यादा कीमत वसूले जाने की जानकारी देने को कहा था.
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं बंद हैं.
PIA के कर्मचारियों को लगातार परेशान कर रहा था तालिबान
पाकिस्तानी मीडिया ने पीआईए के हवाले से दावा किया है कि काबुल की उड़ानें जब से दोबारा शुरू हुई हैं, तालिबानी कमांडर उनके कर्मचारियों को धमका रहे थे.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि पीआईए के अफगानिस्तान में प्रतिनिधि को हाल ही में गन प्वाइंट पर बंधक बना लिया गया था. बाद में पाकिस्तानी दूतावास के हस्तक्षेप के बाद तालिबान ने उसे छोड़ा था.
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