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जापान के 3 पीएम और शिंजो समेत 4 पूर्व PM की हुई हत्या, सम्राट पर भी 3 हमले

Shinzo Abe Assassination: जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की 8 जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई

वकार आलम
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Shinzo Abe Assassination:जापान में पहले भी हुई बड़े नेताओं की हत्या-देखें इतिहास</p></div>
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Shinzo Abe Assassination:जापान में पहले भी हुई बड़े नेताओं की हत्या-देखें इतिहास

फोटो- क्विंट हिंदी

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जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक शिंजो पर हमला करने वाले शख्स का नाम तेत्सुया यमागमी (Tetsuya Yamagami) बताया जा रहा है, जिसकी उम्र 40 साल है और वो नेवी का पूर्व सैनिक है. जापानी मीडिया के मुताबिक हमलावर करीब तीन सालों तक समुद्री आत्मरक्षा बल का सदस्य रहा था.

घटना को देखने वाली दो महिलाओं ने बताया कि जब शिंजे भाषण दे रहे थे, तो वह आदमी पीछे से आबे के पास पहुंचा. और पहले उसने एक गोली मारी और फिर दूसरी गोली, जिसके लगते ही शिंजो जमीन पर गिर पड़े. बाद में इलाज के दौरान आबे की मौत हो गई.

ये कोई पहली बार नहीं है जब जापान में बड़े नेता को सरेआम मौत के घाट उतारा गया है. जापान का इतिहास सियासी हत्याओं से भरा है. जिसमें कई प्रधानमंत्रियों को भी खुलेआम मौत की नींद सुला दिया गया. चलिए जापानी इतिहास में झांककर देखते हैं कब-कब इस तरह बड़े नेताओं पर हमले हुए और उसके बाद क्या हुआ?
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जापान का खूनी सियासी इतिहास

1921 में प्रधानमंत्री Hara Takashi की हत्या

4 नवंबर 1921 को तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री Hara Takashi को चाकुओं से गोदकर मारा गया था. दरअसल प्रधानमंत्री ताकेशी हारा टोक्यो में मेट्रो से सफर कर रहे थे. जैसे ही वो मेट्रो के गेट में घुसे हमलावर ने उन पर चाकुओं से हमला कर दिया. जो एक स्विचमैन था और उसका नाम कोनिशी नाकोएदा था. बाद में हमलावर ने बताया कि वो प्रधानमंत्री से इसलिए नाराज था क्योंकि वो साधारण परिवार से आये थे और देश को चला नहीं सकते थे. उनके राज में भ्रष्टाचार बढ़ता.

हालांकि बाद में सामने आया कि वो सेना और सरकार के बीच की तनातनी से नाराज था और उसे लगता था कि वो राष्ट्रवादी है और पीएम की हत्या करके उसने सही काम किया है. जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या करने वाले इस शख्स को उम्रकैद की सजा हुई और 13 साल बाद वो रिहा हो गया.

1930 में प्रधानमंत्री ओशाची हगामुची पर चली गोली

14 नवंबर 1930 को जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ओशाची हगामुची को भी मेट्रो स्टेशन पर ही गोली मारी गई थी. दरअसल जैसे ही ओशाची हगामुची मेट्रो स्टेशन के गेट से अंदर घुसे उन पर गोली चला दी गई. हमलावर एक पैट्रियाटिक सोसायटी का सदस्य था, जिसका नाम अकियोकुशा था. हमलावर दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थक था और उसकी सोसायटी भी. हमलावर प्रधानमंत्री हगामुची से इसलिए नाराज था कि उन्होंने निशस्त्रीकरण संधि पर साइन क्यों कर दिये. उसे लगता था कि हगामुची के प्रधानमंत्री रहते देश और सेना कमजोर होगी. इस हमले में प्रधानमंत्री बच गए लेकिन वो हमले से उबर नहीं पाये और करीब आठ महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई. उनके हमलावर को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

सम्राट हिरोहितो पर कई कातिलाना हमले

  • 1920-30 के दशक में ही लंबे समय तक जापान के सम्राट रहे हिरोहितो पर कई जानलेवा हमले हुए. 27 दिसंबर 1923 को वो अपने सैन्य वाहन से जा रहे थे. तभी उनके वाहन पर गोली चला दी गई लेकिन वो इस हमले में बच गए और उनका सहयोगी इस हमले का शिकार हुआ. ये हमला दाइसुके नेंबे नाम के एक कम्युनिस्ट ने किया था. जो जापान और कोरियाई लोगों की हत्याओं से नाराज था. बाद में उसे फांसी की सजा हुई.

  • 1926 में जब सम्राट की शादी होने वाली थी तो उसी दिन विस्फोट करके उन्हें उड़ाने की साजिश रची गई थी. लेकिन इसकी भनक सेना को लग गई. साजिशकर्ता पकड़े गए और उन्हें मौत की सजा हुई. बाद में ये सजा उम्रकैद में बदल दी गई.

  • सम्राट पर हत्या का तीसरा प्रयास 1932 में फिर हुआ. तब कोरियाई स्वतंत्रता सेनानी ली बांग चांग ने उनकी घोड़ागाड़ी पर हैंडग्रेनड फेंकने की कोशिश की लेकिन निशाना चूक गया. बाद में उसे पकड़कर फांसी दे दी गई.

जब सैनिकों ने जापान के प्रधानमंत्री को गोलियों से भूना

ये वारदात 15 मई 1932 की है. जब जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोसी को 12 नौसैनिक अफसरों ने घेरकर गोलियों से भून दिया. ये हत्या इतनी नृशंस थी कि इसने जापान को हिलाकर रख दिया. दरअसल ये अधिकारी इस यात्रा पर चार्ली चैप्लिन को भी प्रधानमंत्री के साथ जाना था तो अधिकारियों को लगा कि चैप्लिन अमेरिकी हैं अगर वो भी मारे गए तो युद्ध छिड़ जाएगा. लेकिन चार्ली ने अपना कार्यक्रम बदल लिया था और वो बच गए.

1936 में फिर हुई खूनी साजिश

इस वारदात के मात्र 4 साल बाद जापान में एक और खूनी साजिश हुई. सेना ने सत्ता हथियाने के लिए कई शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ 3 पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या कर दी. उस वक्त जापान के प्रधानमंत्री केइशुके ओकादा थे लेकिन हमलावर उन्हें पहचान नहीं पाये, और उनकी जगह उनके साले की हत्या कर दी. इसी हमले में कंतारू सुजुकी को भी गली लगी जो आगे चलकर जापान के प्रधानमंत्री बने. और एक गोली ताजिंदगी उनके शरीर में रही.

2002 में डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेता की हत्या

2002 में डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेता और लेखक कोशी इशी देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रहे थे. धमकी मिलने के बावजूद वो अपने काम में लगे रहे. एक दिन उन्होंने ये कहा कि उनके हाथ कुछ ऐसा लगा है जिससे सरकार हिल जाएगी. अगले दो दिन बाद ही कोशी इशी की घर में घुसकर हत्या कर दी गई. हत्यारे ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया लेकिन असल में इसके पीछे कौन था ये आज तक पता नहीं चल पाया.

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Published: 08 Jul 2022,05:21 PM IST

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