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जापान (JAPAN) की अंतरिक्ष- एजेंसी जापान एयेरोस्पस ऐक्स्प्लोराशन एजेंसी (JAXA) ने निर्धारित समय से कुछ देर पहले ही चंद्रमा पर जाने वाले देश के पहले अंतरिक्ष यान, SLIM के लॉन्च को रोक दिया. अंतरिक्ष यान SLIM को ले जाने वाले H-IIA रॉकेट के लॉन्च को रोकने के पीछे तेज हवाओं को वजह बताया गया.
जापान के लिए स्पेस में ले जाने वाले फ्लैगशिप लॉन्च व्हीकल, H-IIA रॉकेट की लॉन्च सफलता दर 98% है, लेकिन ऊपरी वायुमंडल में हवा की प्रतिकूल स्थिति के कारण लॉन्च ऑपरेटर MHI ने लॉन्च से 27 मिनट पहले इसे रोक दिया.
JAXA के सुरक्षा प्रबंधक मिचियो कावाकामी ने बताया कि 5,000-15,000 मीटर की ऊंचाई पर लगभग 108 किलोमीटर प्रति घंटे (67 मील प्रति घंटे) की तेज हवाएं चल रही थीं.
लॉन्च यूनिट के चीफ, तोकुनागा ने कहा कि लॉन्च की नई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन फिर से फ्यूल भरने जैसी अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं के कारण यह गुरुवार से पहले नहीं होगी. MHI और JAXA ने कहा है कि लॉन्च 15 सितंबर तक दोबारा हो सकता है.
भारत ने 23 अगस्त को ही चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड करने इतिहास रच दिया है. भारत चांद पर पहुंचने वाला विश्व का चौथा देश बनने के साथ ही साउथ पोल पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है.
H-IIA रॉकेट JAXA के स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को ले जा रहा है, जो चंद्रमा पर उतरने वाला पहला जापानी अंतरिक्ष यान होगा.
JAXA की योजना है कि SLIM को अभी लॉन्च किया जाए और इसे जनवरी-फरवरी 2024 में चंद्रमा कक्षा से चांद की सतह पर लैंड किया जाए.
SLIM मिशन चंद्रमा की सतह पर अपने लक्ष्य के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग हासिल करना चाहता है.
H-IIA रॉकेट अपने साथ एक एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) सेटेलाइट भी ले जा रहा है, जो JAXA, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की एक संयुक्त परियोजना है.
बता दें कि JAXA और MHI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित H-IIA जापान का प्रमुख अंतरिक्ष लॉन्च यान रहा है, जिसने 2001 से लेकर अब तक 46 प्रयासों में 45 सफल लॉन्च किए हैं.
2020 के अंत में चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अपने लक्ष्य के बावजूद, जापान के अंतरिक्ष मिशनों को हाल में असफलताओं का सामना करना पड़ा है.
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