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जापान (Japan) के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा (Prime Minister Fumio Kishida) की सरकार ने शुक्रवार 28 अक्टूबर को एक भारी इकनॉमिक पैकेज को मंजूरी दी जिसमें बढ़ती उपयोगिता दरों (Utility Rates) और खाद्य कीमतों के बोझ को कम करने के लिए सरकारी खर्च में लगभग 29 ट्रिलियन येन (200 बिलियन अमरीकी डालर) शामिल होंगे.
वैश्विक स्तर पर बढ़ती कीमतों और येन (Yen) के कमजोर होने से आयात की लागत बढ़ गई है, जिससे इंफ्लेशन (महंगाई) बढ़ गई है.
इस प्रोत्साहन पैकेज में परिवारों के लिए सब्सिडी शामिल है जिसे पीएम किशिदा के अपनी गिरती लोकप्रियता को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. उनकी सरकार सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के दक्षिण कोरियाई-आधारित यूनिफिकेशन चर्च के साथ घनिष्ठ संबंधों से हिल गई है, जो जुलाई में पूर्व नेता शिंजो आबे की हत्या के बाद सामने आई थी.
किशिदा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,
जापान मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए राजकोषीय उपायों, या सरकारी खर्च का इस्तेमाल करने पर अड़ा हुआ है. जबकि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सालों के इंफ्लेशन पर काबू पाने के लिए आक्रामक रूप से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, जापान का इन्फ्लेशन रेट लगभग मध्यम 3 प्रतिशत है और डर यह है कि अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी.
किशिदा ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर की मजबूती और राजकोषीय उपायों सहित प्रोत्साहन पैकेज का कुल आकार 71.6 ट्रिलियन येन (490 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर) होने की उम्मीद है. इस योजना में घरेलू बिजली और गैस के बिलों के लिए लगभग 45,000 येन (300 अमरीकी डालर) की सब्सिडी और गर्भवती या बच्चों का पालन-पोषण करने वाली महिलाओं के लिए 100,000 येन (680 अमरीकी डॉलर) के कूपन शामिल हैं.
जापान पर अब लॉन्ग-टर्म डेब्ट 1.2 क्वाड्रिलियन येन (यूएसडी 8.2 ट्रिलियन) से ज्यादा है, या यह कहिए कि उसकी अर्थव्यवस्था से दोगुना ज्यादा है.
(न्यूज इनपुट्स- इंडियन एक्सप्रेस)
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