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अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन 20 जनवरी को पद की शपथ लेने जा रहे हैं. ये शपथ ग्रहण समारोह भारत के लिए भी खास होगा, क्योंकि पहली बार एक भारतीय मूल की महिला अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने जा रही है. कमला हैरिस भी बाइडेन के साथ शपथ लेने वाली हैं. बाइडेन प्रशासन में भारतीय-अमेरिकी सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इस बार समुदाय से रिकॉर्ड नंबर में लोग प्रशासन में शामिल होने जा रहे हैं.
3 नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव की कैंपेनिंग के दौरान ही बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी लोगों को 'महत्वपूर्ण' बताया था. बाइडेन कैंपेन में भी समुदाय के कई लोग शामिल थे. चुनाव जीतने के बाद बाइडेन ने एक के बाद एक महत्वपूर्ण पद पर किसी भारतीय-अमेरिकी को नामित किया.
जो बाइडेन के शपथ ग्रहण में कुछ ही समय बचा है और मौजूद हालात ये हैं कि उनके प्रशासन में करीब 20 भारतीय-अमेरिकी कई महत्वपूर्ण पद संभालने जा रहे हैं. इनमें से कम से कम 18 लोग ताकतवर व्हाइट हाउस का हिस्सा होंगे. कौन हैं ये लोग और इनकी जिम्मेदारी क्या होगी, पूरा ब्योरा जान लीजिए.
नीरा टंडन का जन्म अमेरिकी राज्य मैसाच्यूसेट्स के बेडफोर्ड में 10 सितंबर 1970 को हुआ था. नीरा के पैरेंट्स भारतीय थे. नीरा को पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उनकी पत्नी का करीबी माना जाता है. वो साल 1992 में डेमोक्रेट बिल क्लिंटन और साल 2008 में बराक ओबामा के कैंपेन से भी जुड़ी रही हैं.
अगर सीनेट उनके नाम पर मुहर लगाती है, तो नीरा टंडन इस ऑफिस को संभालने वाली पहली अश्वेत महिला होंगी.
फिजिशियन डॉ विवेक मूर्ति अमेरिका के 19वें जनरल सर्जन थे. 2014 में तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें इस पद पर बिठाया था. ये पद हासिल करने वाले वो सबसे कम उम्र (37 साल) के और पहले भारतीय-अमेरिकी शख्स थे.
राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान पब्लिक हेल्थ और कोरोना वायरस महामारी पर बाइडेन के टॉप एडवाइजर्स में मूर्ति शामिल थे. बाइडेन की कोविड टास्क फोर्स में भी डॉ मूर्ति को-चेयर हैं.
विवेक मूर्ति का जन्म 10 जुलाई 1977 को इंग्लैंड में हुआ था. उनकी उम्र काफी कम थी, जब उनका परिवार इंग्लैंड से अमेरिका चला गया था.
अगर सीनेट पुष्टि करती है तो 46 साल की वनिता गुप्ता इस पद को संभालने वालीं पहली अश्वेत महिला होंगी. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में ये तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है. वनिता का जन्म 1975 में हुआ था और उन्होंने ग्रेजुएशन येल यूनिवर्सिटी से की है.
वनिता गुप्ता सुर्खियों में तब आईं, जब उन्होंने लॉ स्कूल से सीधे निकलकर 38 लोगों की रिहाई में जीत हासिल की थी.
राममूर्ति फिलहाल रूजवेल्ट इंस्टीट्यूट में कॉर्पोरेट पावर प्रोग्राम के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. इससे पहले भरत राममूर्ति ने 2020 राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान सीनेटर एलिजाबेथ वॉरन के टॉप इकनॉमिक एडवाइजर के तौर पर काम किया था.
उजरा एक वेटरन डिप्लोमेट हैं, जिन्हें विदेश मंत्रालय के साथ दशकों का अनुभव है. उनकी एक्सपर्टीज साउथ एशियाई, यूरोप, ह्यूमन राइट्स जैसे मामलों में है.
हाल फिलहाल तक वो अलायन्स फॉर पीसकीपिंग की सीईओ और अध्यक्ष थीं.
पटेल मौजूदा रूप से बाइडेन इनॉगरल के वरिष्ठ प्रवक्ता हैं और वो बाइडेन कैंपेन का भी हिस्सा रह चुके हैं. कैंपेन में वेदांत पटेल रीजनल कम्युनिकेशंस डायरेक्टर रह चुके हैं.
निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्राइमरी कैंपेन के दौरान पटेल ने नेवादा और वेस्टर्न प्राइमरी-स्टेट्स कम्युनिकेशन डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं.
सिंह लॉस एंजेलेस की निवासी हैं और वो डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की प्रवक्ता रह चुकी हैं. सबरीना सरदार जेजे सिंह की पौत्री हैं, जो इंडिया लीग ऑफ अमेरिका से जुड़े थे. ये संगठन अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हितों के लिए काम करता है.
कमला हैरिस ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान सबरीना को अपना प्रेस सेक्रेटरी नियुक्त किया था.
रेड्डी बाइडेन-हैरिस कैंपेन के दौरान सीनियर एडवाइजर और स्पीचराइटर के तौर पर काम कर चुके हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल में रेड्डी तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य स्पीचराइटर थे.
गौतम राघवन अमेरिका में समलैंगिक अधिकारों के आंदोलन के एक प्रमुख सदस्य हैं. वो ओबामा-बाइडेन प्रशासन में एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के लिए सेवाएं दे चुके हैं.
अडिगा जिल बाइडेन की वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर जो बाइडेन और कमला हैरिस के चुनाव अभियान में काम कर चुकी हैं. अडिगा बाइडेन फाउंडेशन में उच्च शिक्षा और सैन्य परिवारों की निदेशक रह चुकी हैं.
माला अडिगा ओबामा प्रशासन में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल भी रह चुकी हैं.
कश्मीर में पैदा हुईं और लुइसियाना में पली-बढ़ीं आयशा शाह ने इससे पहले बाइडेन-हैरिस कैंपेन में डिजिटल पार्टनरशिप्स मैनेजर के तौर पर काम किया था. वो फिलहाल स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के लिए एडवांसमेंट स्पेशलिस्ट के रूप में काम कर रही हैं.
बराक ओबामा प्रशासन में छाबड़ा नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल स्टाफ में स्ट्रेटेजिक प्लानिंग डायरेक्टर और ह्यूमन राइट्स एंड नेशनल सिक्योरिटी इश्यूज के डायरेक्टर रह चुके हैं. इसके अलावा वो पेंटागन में रक्षा मंत्री के लिए स्पीचराइटर के तौर पर काम कर चुके हैं.
गुहा फिलहाल ऑलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट का पद संभाल रही हैं. ओबामा प्रशासन में सुमोना गुहा तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन की नेशनल सिक्योरिटी अफेयर्स की स्पेशल एडवाइजर थीं.
शांति मौजूदा समय में नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी में इंटरनेशनल फोरम फॉर डेमोक्रेटिक स्टडीज की सीनियर डायरेक्टर हैं. वो पहले हॉन्ग कॉन्ग स्थित एशियाई वॉल स्ट्रीट जर्नल में रिपोर्टर रह चुकी हैं.
बाइडेन जब उपराष्ट्रपति थे, तब सोनिया अग्रवाल ने एनर्जी इनोवेशन के लिए 200 बिजली नीति विशेषज्ञों को एकजुट किया था और अमेरिका की बिजली योजना का नेतृत्व किया था.
ओहियो में जन्मीं सोनिया ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया है.
भारत में जन्मी वर्मा ने बाइडन-हैरिस कैंपेन के लिए ऑडियंस डेवलपमेंट और कंटेंट रणनीतिकार के रूप में काम किया था. उन्होंने पहले द वॉल्ट डिजनी कंपनी के एबीसी नेटवर्क और मीडिया एजेंसी होराइजन मीडिया में पैरामाउंट पिक्चर्स और टेलीविजन शो में फिल्मों की मार्केटिंग के लिए काम किया है.
गुप्ता सैन फ्रांसिस्को सिटी अटॉर्नी ऑफिस में डिप्टी सिटी अटॉर्नी के तौर पर काम कर चुकी हैं. न्यू यॉर्क निवासी नेहा गुप्ता ने हार्वर्ड कॉलेज और स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल से पढ़ाई की है.
शाह बाइडेन-हैरिस कैंपेन में जो बाइडेन के लिए डिबेट प्रिपरेशन टीम में काम कर चुकी हैं.
कश्मीरी मूल की समीरा फिलहाल बाइडेन-हैरिस ट्रांजिशन में इकनॉमिक एजेंसी लीड हैं. पहले वो एटलांटा के फेडरल रिजर्व बैंक में काम कर चुकी हैं, जहां वो डायरेक्टर ऑफ एंगेजमेंट फॉर कम्युनिटी एंड इकनॉमिक डेवलपमेंट के पद पर थीं.
शर्मा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में हस्ताक्षर कार्यक्रम को लागू करने के लिए काम करने वाले घरेलू नीति परिषद के एक स्वास्थ्य नीति सलाहकार के तौर पर कार्यरत थे. वो उस कार्यक्रम के तहत सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करने वाले लोगों में एक रहे हैं, जिन्हें ओबामाकेयर के रूप में जाना जाता है.
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