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इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध (Israel Hamas War) को 12 दिन बीत चुके हैं. इसी बीच, 17 अक्टूबर को गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल (attack on Gaza hospital) पर हमला किया गया. जिसमें करीब 500 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है. इस हमले को लेकर दुनिया भर के नेताओं ने इजरायल की खुलकर निंदा की है. जबकि इजरायल ने हमले के आरोपों को सिरे से नकारा है.
इसी बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल पहुंचे हैं. उधर, जॉर्डन ने अपने यहां होने वाले बैठक को रद्द कर दिया है, जिसमें जो बाइडेन भी शामिल होने वाले थे. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिकी राष्ट्रपति के इजरायल दौरे के क्या मायने हैं?
बता दें, बाइडेन की यह यात्रा अस्पताल के हमले से पहले ही प्लान की गई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति की ये हाई रिस्क यात्रा है, क्योंकि इजरायल और हमास की तरफ से लगातार हमले किए जा रहे हैं.
इजरायल पहुंचे जो बाइडेन ने तेल अवीव में लैंड करने और इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने के कुछ देर बाद ही पत्रकारों से बात की और कहा कि मैंने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसा लगता है जैसे यह हमला दूसरी टीम द्वारा किया गया है.
इजरायल पहुंचने से पहले जो बाइडेन ने गाजा अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की और दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया 'X' पर लिखा...
इससे पहले हम समझते हैं कि आखिर बाइडेन की इजरायल दौरे की पृष्ठभूमि क्या है? गाजा के अस्पताल पर हमले से पहले तक यानी 17 अक्टूबर से पहले तक इजरायली बमबारी में 3000 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी. हमास के हमले में विदेशियों सहित 1400 इजरायली मारे गए थे.
जो बाइडेन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. अमेरिकी नेता के अनुसार, वह इजरायल के युद्ध उद्देश्यों और रणनीति पर विस्तृत जानकारी लेंगे और इजरायल की सुरक्षा के लिए वाशिंगटन की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे.
ब्लिंकन ने सबसे पहले 17 अक्टूबर की रात को नेतन्याहू और अन्य अधिकारियों के साथ सात घंटे से अधिक की बातचीत के अंत में बाइडेन की यात्रा की घोषणा की थी. जिसके दौरान उन्होंने कहा कि इजरायली प्रधानमंत्री गाजा नागरिकों को मानवीय सहायता प्राप्त करने की योजना के साथ आने पर सहमत हुए हैं.
इजरायल ने गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी है, जिससे उसके 2.3 मिलियन लोग पानी, भोजन, ईंधन और बिजली के बिना चारों ओर से फंस गए हैं.
क्या बाइडेन मानवीय सहायता पहुंचाने में मदद कर सकते हैं?
ब्लिंकन ने कहा था...
यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल के हवाई हमलों का हमास पर क्या प्रभाव पड़ा है? बमबारी ने गाजा में आवासीय इमारतों को नेस्तनाबूत कर दिया है. स्कूलों और अस्पतालों पर भी हमला किया गया, जिससे गाजा में मानवीय संकट और बढ़ गया है.
यहां तक कि जब ब्लिंकन ने मानवीय राहत पर एक समझौते के बारे में बात की, तो उन्होंने कोई ठोस जानकारी नहीं दी और ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि जल्द ही कोई सुरक्षित कॉरिडोर स्थापित किया जा सकता है.
15 अक्टूबर को उन्होंने घोषणा की थी कि राफा क्रॉसिंग, जो गाजा से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है, उसे जल्द ही विदेशी नागरिकों के लिए खोला जाएगा.
बता दें कि इसपर इजरायल का नियंत्रण नहीं है. हालांकि, क्रॉसिंग अभी भी बंद है. रिपोर्ट के अनुसार, यहां कई देशों से मानवीय सहायता से भरे दर्जनों ट्रकें भी शामिल हैं, जो मिस्र की सीमा पर खड़े हैं.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल पर आरोप है कि वह इस क्रॉसिंग पर चार बार हमला कर चुका है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बाइ़डेन गाजा में 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाने की योजना को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, ये बात निर्धारित कर सकती है कि उनकी यात्रा को इजरायल के बाहर कैसे देखा जाता है?
बाइडेन और उनके प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने बार-बार इजरायल के "बचाव" के अधिकार पर जोर दिया है. इसके साथ ही, फिलिस्तीनी ग्रुप हमास को खत्म करने में इजरायल का समर्थन किया है.
जो बाइडेन ने अब तक इजरायल को संयम दिखाने या नागरिकों, एम्बुलेंसों और गाजा पर बमबारी बंद करने और उनके नागरिकों तक खाना-पानी पहुंचाने को लेकर कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा है. हालांकि, उन्होंने इजरायल को गाजा पर कब्जा करने के प्रति आगाह किया है और कहा कि ये इजरायल की बड़ी गलती होगी.
इजरायल के टॉप सैन्य प्रवक्ता डेनियल हंगारी ने 17 अक्टूबर को मीडिया से बातचीत की और कहा कि इजरायल के पास इस युद्ध को खत्म करने की सारी ताकत है और गाजा का भविष्य एक "वैश्विक मुद्दा" होगा.
ऐसे संकेत हैं कि बाइडेन की यात्रा का उद्देश्य गाजा में युद्ध को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर अमेरिका और इजरायल के बीच समझौता बनाने को लेकर है. यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल "एरिक" कुरिल्ला को तेल अवीव पहुंचे और उनके शीर्ष इजरायली सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की.
ईरान कई दिनों से चेतावनी दे रहा है कि युद्ध में नए मोर्चे खोले जा सकते हैं. विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर इजरायल अपने मौजूदा राह पर चलता रहा तो "आने वाले घंटों में "निवारक" कार्रवाई की जा सकती है."
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि गाजा की बमबारी तुरंत बंद होनी चाहिए और मौजूदा स्थिति के लिए वाशिंगटन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए पर ईरान ने स्पष्ट नहीं किया कि कब और कैसे वो कार्रवाई करेगा लेकिन इजरायल और अमेरिका ने दिखा दिया है कि वे इसको लेकर सावधान है.
इजरायल पहले ही कई बार सीरिया में हवाई अड्डों पर बमबारी कर चुका है, जिससे वहां से ईरान कोई एक्शन न ले सके. इजरायल और लेबनान के हिजबुल्लाह के बीच पहले ही सीमा पर गोलीबारी कर रहे हैं, हालांकि यह लड़ाई अभी और आगे नहीं बढ़ी है.
इस बीच, वाशिंगटन ने एक दूसरा हवाई पोत इजरायल को भेजा दिया है. अमेरिका के इस कदम से ईरान के साथ-साथ, जो भी उसे सपोर्ट करते हैं, उसके लिए यह एक चेतावनी है.
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