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“मेरी मां ने मुझे अपनी पहचान के साथ खड़ा रहना सिखाया. उन्होंने मुझे एक मजबूत महिला बनाया और हिंदुस्तानी विरासत पर गर्व करने की सीख दी...” ये बात कमला हैरिस ने अमेरिकी चुनाव के दौरान कही थी. आज उन्होंने अमेरिका की 49वीं उप-राष्ट्रपति पद की शपथ ली. वे पहली अश्वेत और भारतीय मूल की पहली महिला हैं जो यहां तक पहुंची हैं.
राष्ट्रपति बाइडेन की टीम में 13 महिलाओं सहित 20 भारतीय मूल के लोगों को जगह मिली है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कमला हैरिस की है. ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कमला हैरिस इतनी महत्वपूर्ण क्यों हैं? बतौर सीनेटर उनके कामों का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है और उनके ऊपर किन-किन मुख्य कामों की जिम्मेदारी होगी?
कमला हैरिस की प्रेस सेक्रेटरी सबरीना सिंह ने कहा था,
अमेरिका के कुछ एक्टिविस्ट उम्मीद करते हैं कि कमला हैरिस नस्लीय न्याय की लड़ाई का नेतृत्व करने में मदद करेंगी. कुछ चाहते हैं कि हैरिस कोविड-19 से जुड़ी नस्लीय असमानताओं पर काम करें.
एडवोकेसी ग्रुप शी द पीपल के संस्थापक और अध्यक्ष ऐमी एलीसन ने कहा, "कमला हैरिस चुनाव और मतदान अधिकार सुधारों के साथ-साथ नस्लीय और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों को प्रमुखता देंगी. उन्होंने कहा कि कमला हैरिस प्रशासन और कांग्रेस के बीच पुल का काम करेंगी, जो बहुत महत्वपूर्ण होगा. कमला हैरिस में लोगों को प्रेरित करने और उनसे बात करने की क्षमता है."
फुल सर्कल स्ट्रैटेजीज के संस्थापक और सीईओ जोताका एडी (Jotaka Eaddy) ने कहा, "कमला हैरिस के पास एक सीनेटर के रूप में कई तरह के अनुभव हैं. इसके अलावा वे अटॉर्नी जनरल और डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी भी रही हैं. ये अनुभव कमला हैरिस को मुद्दों को समझने और दूसरों को समझाने में मदद करेंगे. हम जो देखेंगे वह अधिक परिपक्व, स्तरीय और सक्षम नेतृत्व होगा. हम कमला हैरिस को वही करते हुए देखेंगे जो बाइडेन ने उसके लिए सोचा है."
कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर मनीषा सिन्हा कहती हैं,
अमेरिका में 50-50 सीनेट होने पर कमला हैरिस की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. सीनेट का अध्यक्ष होन की वजह से किसी भी मत पर बराबर वोट मिलने के बाद कमला हैरिस के पास निर्णायक फैसला लेने का अधिकार होगा. जॉर्जिया में जीत के साथ सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स की संख्या 50-50 के साथ बराबर हो चुकी है. पहले रिपब्लिकन्स का बहुमत था. इससे पहले 2001 में छह महीने के लिए ऐसी स्थिति बनी थी.
जो बाइडेन ने अपनी कई स्पीच में कहा है कि वह कमला हैरिस को एक साथी के रूप में काम करते हुए देखना चाहते हैं. ठीक उसी तरह जैसे बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान जो बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति की भूमिका निभाई थी. कमला हैरिस को सीनेटर बनाए जाने से पहले भी जो बाइडेन ने उनकी तारीफ में कहा था,
कमला हैरिस ने ऐसे मुद्दों पर स्टैंड लिया है जो उनके मूल्यों के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए उम्मीद की जाती है कि वह उप-राष्ट्रपति के रूप में भी ऐसा करेंगी. जैसे गन कंट्रोल एक उदाहरण है. सिविल राइट, इमीग्रेशन सिस्टम, महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल जैसे मुद्दों पर भी कमला हैरिस ने स्टैंड लिया है. इसमें गर्भपात के अधिकार शामिल हैं.
कमला हैरिस 2004 से 2010 तक कैलिफोर्निया की पहली महिला डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहीं. इसके बाद इसी राज्य की पहली महिला अटॉर्नी जनरल बनीं. उन्होंने नस्लीय हिंसा को खत्म करने के लिए बड़ी पहल की. कैलिफोर्निया में पुलिस के लिए बॉडी कैमरा पहनना अनिवार्य कर दिया. इसके पीछे मकसद था कि पुलिस कहीं नस्लीय भेदभाव करे तो पता चल सके.
कमला हैरिस ने ड्रग लेने वालों के बारे में भी सोचा. उन्होंने बैक ऑन ट्रैक प्रोग्राम चलाया. इस प्रोग्राम के तहत ड्रग लेने वालों के लिए जेल में बंद रहने के दौरान पढ़ाई करने और बाद में नौकरी मिलने का रास्ता निकला.
टाईब्रेकर के रूप में कमला हैरिस 'बाइडेन-हैरिस प्रशासन' के 100-दिवसीय एजेंडे पर कानून बनाने में मदद कर सकती हैं, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के विस्तार और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में सुधार शामिल है. इतना ही नहीं, कैलिफोर्निया के लिए प्रोत्साहन पैकेज बना सकती हैं.
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