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पिछले कई दिनों से कजाकिस्तान (Kazakhstan) में मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. तेल की कीमतों में सरकार द्वारा बढ़ोतरी करने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के बाद हुई हिंसा के दौरान अब तक कुल 164 लोगों की मौत हो चुकी है.
रविवार, 9 जनवरी को कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों सहित लगभग 6,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद रूस के द्वारा कजाकिस्तान में सेना भेजी गई, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने में आसानी हो सके. राष्ट्रपति के बयान में कहा गया है कि स्थिति नियंत्रित हो गई है, सैनिकों द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.
बीबीसी के स्टीव रोसेनबर्ग के मुताबिक इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि कजाकिस्तान की राजधानी नूरसुल्तान में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शहर के राष्ट्रपति भवन के एंट्री गेट को बंद कर दिया गया है.
सुरक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने व्यवस्था बहाल करने की कोशिश करते हुए अल्माटी में दंगाइयों को जान मार डाला, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने शहर के पुलिस स्टेशनों पर अपना नियंत्रण जमाने की कोशिश की थी.
राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव ने सुरक्षा बलों को बिना किसी चेतावनी के गोली चलाने का आदेश दिया था. उन्होंने अपने बयान में कहा कि 20 हजार डाकुओं ने अल्माटी पर हमला किया है.
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एंटली ब्लिंकन ने कहा कि शूट-टू-किल ऑर्डर गलत है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका कजाकिस्तान के राष्ट्रपति से भी स्पष्टीकरण मांग रहा है कि उन्होंने रूस से सैनिकों को भेजने की गुजारिश क्यों की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार, 8 जनवरी को कजाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि देश के पूर्व खुफिया प्रमुख करीम मासीमोव को देशद्रोह के संदेह में गिरफ्तार किया गया है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को कहा कि मासीमोव के दो पूर्व डिप्टी को भी उनके पदों से हटा दिया गया है.
Marat Osipov और Daulet Ergozhin उन्हें हटाने से पहले देश की शक्तिशाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के डिप्टी हेड के रूप में कार्यरत थे. टोकायव के कार्यालय ने अभी तक सार्वजनिक रूप से बर्खास्तगी का कारण नहीं बताया है.
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