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भारत और रूस (India-Russia) ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Kudankulam Nuclear Power Plant) की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों को बनाने से जुड़ें "बहुत अहम" समझौतों पर हस्ताक्षर किए. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूप से उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ अपनी "व्यापक और सार्थक" बैठक के बाद यह ऐलान किया.
मॉस्को में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा
कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट, रूस की टेक्निकल सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है. इसका निर्माण मार्च 2002 में शुरू हुआ था. फरवरी 2016 से, KNPP की पहली बिजली यूनिट एक हजार मेगावाट की अपनी डिजाइन क्षमता पर लगातार काम कर रही है.
रूस स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पॉवर प्लांट के 2027 में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है.
रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ मीटिंग के बाद एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हमारे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई. इस दौरान व्यापार, फाइनेंस, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और परमाणु डोमेन में अहम प्रगति पर बातचीत हुई.
एस जयशंकर ने कहा कि भूमि और समुद्री गलियारों में संयुक्त रूप से कनेक्टिविटी कार्यक्रम आयोजित करेंगे. हमारे सहयोग को विभिन्न आयामों में ज्यादा संतुलित और टिकाऊ बनाने पर चर्चा की गई.
रूस और भारत के बीच पेमेंट की परेशानियों पर एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि एक असामान्य स्थिति में, हम ऐसे तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके जरिए बैंक एक-दूसरे के साथ व्यवहार करें.
NPCIL और रोसाटॉम ने 1998 में कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के फेज-1 के निर्माण के लिए रिएक्टर डिजाइन और इंजीनियरिंग सुपरविजन अरेंजमेंट्स को अंतिम रूप दिया. इसकी लागत 140 बिलियन रूपए ($2.47 बिलियन) थी. छह इकाइयों के लिए परियोजना की कुल लागत 1.11 ट्रिलियन रूपए ($16.3bn) है.
पॉवर प्लांट के फेज-1 का निर्माण 2001 में शुरू हुआ और पहली दो यूनिट्स क्रमशः 2013 और 2016 में चालू की गईं.
पॉवर प्लांट के गृह राज्य तमिलनाडु को उत्पादित बिजली का 50 फीसदी यानी 925 मेगा वाट (MW) आवंटित किया जाता है, जबकि पड़ोसी राज्य अवशिष्ट बिजली का 35 फीसदी हिस्सा शेयर करते हैं. इसमें कर्नाटक के लिए 442 मेगा वाट (MW), केरल के लिए 266 मेगा वाट (MW) और पुदुचेरी के लिए 67 मेगा वाट (MW) शामिल हैं. पॉवर प्लांट से उत्पन्न की गई बिजली का आखिरी 15 फीसदी आवंटित नहीं किया जाएगा और इसे केंद्रीय पूल में जोड़ा जाएगा.
यूनिट तीन और चार के निर्माण का शिलान्यास फरवरी 2016 में हुआ था, जबकि तीसरी यूनिट के लिए कंक्रीट डालने का प्रोग्राम जून 2017 में आयोजित किया गया था.
यूनिट तीन का रिएक्टर पोत (Vessel) अप्रैल 2022 में स्थापित किया गया था, इसके बाद दिसंबर 2022 में मुख्य शीतलक पाइपलाइन (MCP) की वेल्डिंग की शुरुआत हुई.
2023 और 2024 में यूनिट्स तीन और चार के चालू होने की उम्मीद है.
बिजली संयंत्र के विकास के फेज तीन के लिए निर्माण कार्य क्रमशः जून और दिसंबर 2021 में यूनिट पांच और छह के लिए कंक्रीट डालने के साथ शुरू हुआ.
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