Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ukraine में फंसे स्टूडेंट्स बोले- "खाने-पीने की चिंता नहीं बस हमें घर लौटना है"

Ukraine में फंसे स्टूडेंट्स बोले- "खाने-पीने की चिंता नहीं बस हमें घर लौटना है"

Russia Ukraine War: क्विंट से बातचीत में सुनिए हमले के प्रत्यक्ष गवाह बने लोगों की आपबीती

सप्तर्षि बसाक
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों से द क्विंट ने की चर्चा</p></div>
i

यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों से द क्विंट ने की चर्चा

फोटो- क्विंट

advertisement

रूस का यूक्रेन (Russia Ukraine War) पर हमले का दसवां दिन शुरू हो चुका है. रूस ने अब तक खेरसॉन पर कब्जा कर लिया है, जबकि खार्किव पर लगातार बमबारी जारी है. रूसी फौजें पूरी ताकत से कीव पर कब्जा करने की कोशिश कर रही हैं.

युद्ध में गैर-लड़ाके, बाहरी लोगों की देश से निकासी बेहद अहम हो जाती है. पिछला पूरा हफ्ता यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए बेहद तनाव भरा रहा है, जो लगातार घर लौटने की कोशिश कर रहे थे. क्विंट ने कुछ छात्रों से बात की जो यूक्रेन में फंसे हैं और जो कुछ वापस भारत लौट आए हैं.

एक छात्र अरिंद्रम फुकोन ने बताया कि "जब बॉम बार्डिंग शुरू हुई तो बिजली चली गई और वाटर सप्लाय भी बंद हो गया. जैसे-तैसे हमने पानी की व्यवस्था की, बाहर जाकर हम पानी ले कर आए. कुछ लोग खाना दे रहे हैं लेकिन बाहर बाजार में खाना खत्म हो गया है."

एक छात्र ने कहा कि पहले बिल्कुल नहीं लगा की युद्ध होने वाला है या इतनी बुरी स्थिति बनेगी.

अदनान ने कहा, "युद्ध से हफ्ताभर पहले जब हमने सुना कि अमेरिका ने कहा कि 16 फरवरी को जंग होगी, हम इसका इंतजार कर रहे थे लेकिन हम शुक्रगुजार हैं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. यूक्रेन खूबसूरत जगह है. हम रोज बाहर निकलते थे. हमने लोकल लोगों से पूछा क्या जंग होगी, उनमें से एक ने कहा कि क्या आपको लगता है कि 21वीं सदी में जंग जैसा कुछ होगा. लेकिन आज हकीकत सामने हैं."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एक छात्र कियुर ने अपने भविष्य की चिंता जताते हुए कहा, हमें नहीं पता आगे क्या होगा. 12 मार्च से कहा गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई होगी, हमारे पास बहुत सारे सवाल हैं लेकिन अब तक जवाब देने के लिए कोई नहीं है. अगर हमें भारत में पढ़ने का मौका मिला तो पढ़ेंगे.

अदनान ने कहा कि सबसे पहले ये जंग रुके और हमारा ट्रांसफर हो, भारत में या फिर किसी और देश में हमें पढ़ने को मिले. लेकिन जो नियम मैंने देखें उसे देख कर नहीं लगता ये सब आसान है लेकिन मैं कुछ अच्छा होने की उम्मीद रखता हूं.

कियूर ने बताया कि मेरी यूनिवर्सिटी का हर स्टूडेंट भारत लौट चुका है लेकिन कई जगहों से एक भी भारतीय स्टूडेंट को नहीं निकाला जा सका है. सरकार कह रही है कि बॉर्डर पर आ जाओ लेकिन वॉर जोन में वहां तक पहुंचना मुश्किल है. भारतीयों को ट्रेन में भी चढ़ने नहीं दिया गया, वहां के लोग चाकू दिखा रहे हैं जब से भारत ने यूएन में कुछ कहा. लेकिन अब भारत उनके लिए बस भेज रहा है व्यवस्था कर रहा है.

एक छात्र ने यह भी कहा कि जब हम वहां फंसे थे तब लगता था कि हमें खाने-पीने की चिंता नहीं है बस हमें अपने घर लौटना है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 05 Mar 2022,11:06 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT