advertisement
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वॉर्टर पाकिस्तान के बहावलपुर में है. तीन एकड़ में बने इस भव्य आतंकी भवन का नाम मरकज सुभानल्लाह है. खबरों के मुताबिक ये पाकिस्तान में मौजूद प्रतिबंधित 600 से ज्यादा आतंकी संगठनों का ठिकाना है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, उसके भाई और रिश्तेदार बहावलपुर के इसी परिसर में मौजूद हैं. इसके साथ ही जैश से जुड़े दुनियाभर में आतंकी घटनाओं में अंजाम देने वाले सभी बड़े आतंकियों का यही ठिकाना है.
तीन एकड़ में फैले इस भव्य भवन में स्विमिंग पुल, जिम जैसी तमाम आलीशान अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. साल 2012 में इसका निर्माण होना शुरू हुआ और तीन साल के भीतर 2015 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया.
जैश के बड़े आतंकियों की महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी मरकज सुभानल्लाह ही करता है. बताया जाता है हर हफ्ते यहां बैठक होती है. इसे मसूद के आतंकी भाई होस्ट करते हैं. इस दौरान दुनियाभर में आतंक को बढ़ावा देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को 'जिहाद' में शामिल करने की योजना पर बात की जाती है.
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन है, जिसे साल 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने स्थापित किया था. 31 दिसंबर, 1999 में कंधार एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय विमान यात्रियों के बदले में मौलाना मसूद अजहर को रिहा किया गया था. उससे पहले अजहर भारत की कस्टडी में था. साल 2001 में अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया.
साल 2002 में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन कर दिया. साल 2003 में खबर आई जैश-ए-मोहम्मद के बंटवारे की, जो कथित तौर पर खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान में बंट गया. उसी साल जमात-उल-फुरकान के चीफ अब्दुल जब्बार ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ की हत्या की कोशिश की, जिसमें वह गिरफ्तार हो गया. इसके बाद पाकिस्तान ने नवंबर 2003 में दोनों संगठनों, खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान को बैन कर दिया.
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करके बड़ी घटना को अंजाम दिया है. सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. मसूद अजहर के आतंकी संगठन ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है. यही नहीं कश्मीर में बॉर्डर पर लगातार गोलाबारी के लिए भी जैश को ही जिम्मेदार माना जा रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)