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प्रशांत महासागर में स्थित न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia) में हो रहे विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद फ्रांस (France) ने बुधवार, 15 मई को अगले 12 दिनों के लिए वहां आपातकाल की घोषणा की है. प्रदर्शन हो रहे न्यू कैलेडोनिया आइलैंड पर फ्रांस का पिछले 171 सालों से कब्जा है.
यह हिंसक विरोध प्रदर्शन फ्रांसीसी संसद में हाल ही में आए एक विधेयक के बाद शुरू हुआ है.
आइए इस आर्टिकल में समझते हैं कि फ्रांस से हजारों किलोमीटर दूर स्थित न्यू कैलेडोनिया में हिंसक प्रदर्शन क्यों हो रहा है?
यह विधेयक न्यू कैलेडोनिया में 10 साल से अधिक समय से रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को प्रांतीय चुनावों में वोट डालने की अनुमति देगा. इस विधेयक के विरोध की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि वहां के स्थानीय नेताओं को इस बात को डर सता रहा है कि उनका वोट बैंक कमजोर हो जाएगा. फ्रांसीसी अखबार Le Monde की रिपोर्ट के मुताबिक, कई वामपंथी फ्रांसीसी सांसदों ने भी संसद में इस विधेयक की आलोचना की है.
हालांकि, अन्य लोगों ने फ्रांसीसी निवासियों के अधिकारों के लिए तर्क दिया. रिपब्लिकन पार्टी के सांसद फिलिप गोसलिन ने Le Monde के हवाले से कहा, "यह अब स्वीकार्य नहीं है. आज, प्रांतीय चुनावों में वोट देने के अधिकार से वंचित मतदाताओं का अनुपात 20% के करीब है."
न्यू कैलेडोनिया, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में लगभग 1,500 किमी दूर स्थित है. विशेष रूप से मेलानेशियन कनक लोग लगभग हजारों वर्षों से यहां रह रहे हैं. न्यू कैलेडोनिया में सन् 1774 में पहली बार ब्रिटिश नाविक जेम्स कुक व्यापार के इरादे से पहुंचा था. उसके बाद उसने वहां से व्यापार करना शुरू किया फिर यहां व्यापार का सिलसिला शुरू हुआ. आखिरकार साल 1853 में फ्रांस ने पूरे आइलैंड पर कब्जा कर लिया और तब से आज तक यहां पर फ्रांस का कब्जा है.
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