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तीन नोबेल विजेताओं ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को लेटर लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को अवॉर्ड से सम्मानित न करने की अपील की है. पीएम मोदी 21 से 28 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन उन्हें सम्मानित करेगा.
लेटर लिखने वालों में मैरिएड मैग्वायर (1976 में नोबेल), तवक्कोल अब्देल-सलाम करमान (2011 में नोबेल) और 2003 में पुरस्कार जीतने वाले शिरीन एब्दी शामिल हैं. उन्होंने अपनी अपील के लिए कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और अल्पसंख्यकों पर हमलों जैसे कारणों को गिनाया है.
अपने लेटर में विजेताओं ने कहा कि वे सतत् विकास में संगठन के कामों की तारीफ करते हैं. विजेताओं ने आगे लिखा कि वे महात्मा गांधी और उनके राष्ट्र की संकल्पना, जिसमें एक-दूसरे के लिए सम्मान, सहिष्णुता और बराबरी का भाव है, उसकी भी प्रशंसा करते हैं.
विजेताओं ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत काफी खतरनाक संकट में जा चुका है जिसमें मानवाधिकारों और लोकतंत्र की परवाह नहीं की जा रही. यह हमारे लिए परेशान करने वाला है. आपके फाउंडेशन का मिशन भी जिंदगियों को बचाना और असमानता से लड़ना है.'
विजेताओं ने 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद मुस्लिम, क्रिश्चियन अल्पसंख्यकों और दलितों पर हुए हमलों का भी जिक्र किया.
लेटर में 2002 के गुजरात दंगों का भी जिक्र है. लेटर में लिखा गया, 'मोदी को गुजरात में 2002 दंगों की वजह से 10 साल तक अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में आने से बैन रखा गया. यह तब खत्म हुआ जब उन्हें प्रधानमंत्री बनने के बाद डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी मिल गई.'
लेटर के मुताबिक, अगर फाउंडेशन मोदी को सम्मानित करने से इंकार करता है तो अपने न्याय और मानवाधिकार जैसे मूल्यों पर साफ संदेश दे सकता है.
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