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विश्व के राजनीतिक इतिहास में शुक्रवार का दिन हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पहली बार बॉर्डर पार कर दक्षिण कोरिया में प्रवेश किया, जहां राष्ट्रपति मून जे-इन ने उनका स्वागत किया. इस ऐतिहासिक कदम के साथ ही 1950-53 के कोरियाई युद्ध के खत्म होने 6 दशक से ज्यादा समय के बाद किम जोंग उन साउथ कोरिया की धरती पर कदम रखने वाले पहले नॉर्थ कोरियाई शासक बन गए हैं. एक दशक से भी ज्यादा समय बाद दोनों कोरियाई नेताओं के बीच यह पहली शिखर वार्ता है.
किम जोंग उन ऐतिहासिक कोरियाई सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार सुबह पैदल ही सीमा पर गए. किम जोंग उन ने साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से उस असैन्यीकृत क्षेत्र में मुस्कुराकर एक दूसरे से हाथ मिलाया जो दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने किम जोंग का स्वागत करते हुए कहा कि मैं आपसे मिलकर खुश हूं.
इसके बाद किम जोंग ने मून के साथ उस अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा को पार भी किया. इस दौरान एक दूसरे का हाथ पकड़े दोनों नेता दक्षिण कोरिया की सीमा के अंदर कुछ दूर तक गए फिर वापस उत्तर कोरिया की सीमा में लौट आये.
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच हो रही इस ऐतिहासिक वार्ता में उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु कार्यक्रम रोकने को लेकर दिए गए संकेतों पर भी चर्चा होगी. उत्तर कोरिया की ओर से नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में देश के ऑनरेरी अध्यक्ष किम योंग नैम, विदेश मंत्री री योंग हो और किम की बहन किम यो जोंग भी हैं. किम यो जोंग उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी के प्रोपेगैंडा एंड एजिटेशन डिपार्टमेंट की निदेशक हैं. किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया में शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के दौरान सियोल का ऐतिहासिक दौरा भी किया था.
सम्मेलन के सुबह के सत्र के बाद दोनों पक्ष एक सांकेतिक समारोह में साथ मिलकर पौधारोपण करने से पहले लंच करेंगे. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त और अनौपचारिक वार्ता भी होगी. सियोल के एक प्रवक्ता के मुताबिक, इस बैठक के अंत में मून और किम जोंग उन एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
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