Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पाकिस्तान: क्या बलूच विद्रोह की बदल रही रणनीति? पहले महिला सुसाइड अटैक में जवाब

पाकिस्तान: क्या बलूच विद्रोह की बदल रही रणनीति? पहले महिला सुसाइड अटैक में जवाब

Karachi Universityमें एक आत्मघाती बम विस्फोट में तीन चीनी नागरिक और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हुई थी

आईएएनएस
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>पहली बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने बलूच विद्रोह की रणनीति बदलने के संकेत दिये</p></div>
i

पहली बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने बलूच विद्रोह की रणनीति बदलने के संकेत दिये

(फोटो- द क्विंट)

advertisement

पाकिस्तान (Pakistan) में कराची स्थित कंफ्यूसियस इंस्टीट्यूट के सामने जब एक शिक्षित और दो बच्चों की मां ने आत्मघाती हमला किया तो पाकिस्तान के साथ पूरी दुनिया सकते में आ गई. बलूचिस्तान, पाकिस्तान का प्राकृतिक संसाधन से भरपूर प्रांत है और यहां के लोग लंबे समय से पाकिस्तान की सरकार का विरोध कर रहे हैं. सरकार की खिलाफत बलूच लोगों के लिये कोई नई बात नहीं लेकिन आत्मघाती हमला और उसमें भी हमलावर के रूप में दो बच्चों की एक शिक्षित मां का होना इस बात का संकेत देता है कि बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने अपनी रणनीति बदल दी है.

रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के मुताबिक आत्मघाती हमलावर शारी बलोच मात्र 31 साल की थी. इस हमले में चीन के तीन नागरिक और उनका पाकिस्तानी ड्राइवर मारा गया.

इस हमले ने जो सबसे अहम सवाल खड़ा किया वह यह है कि आखिर अपनी शादीशुदा जिंदगी में दो बच्चों के साथ हंसी-खुशी से रहने वाली शारी बलोच को किस बात ने आत्मघाती हमलावर बनने के लिये प्रेरित किया. पाकिस्तान के कई लोगों का मानना है कि यह हमला दो दशक से जारी बलूच उग्रवाद की नई दिशा का संकेत देता है.

बलूचिस्तान को कवर करने वाले किया बलोच का कहना है कि महिला आत्मघाती हमलावर के होने से इस बात की आशंका बढ़ा दी है कि ऐसे और हमले भविष्य में हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि अभी हाल तक बलूच राष्ट्रवादी खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने में गर्व महसूस कर रहे थे और वे किसी भी कट्टरता के खिलाफ थे.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रिपोर्ट के मुताबिक किया बलोच ने कहा कि बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की कार्रवाई, विद्रोह का समर्थन करने वालों की अवैध हत्याओं, लोगों को जबरन अगवा किये जाने की घटनाओं ने संभवत: उन लोगों को रोष और गुस्से से भर दिया, जो अपने नजदीकियों के अपहरणों या हत्याओं से प्रभावित थे.

किया बलोच ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और बलूच उग्रवादी दोनों ने चरमपंथियों का रुख अख्तियार किया है.

पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान को लेकर अपनी सुरक्षा कें द्रित कार्रवाई को रोकना नहीं चाहती तो दूसरी तरफ उग्रवाद अब इतने कट्टर हो गये हैं कि वे आत्मघाती हमलों पर उतर आये हैं. बलूच उग्रवादी 2000 से ही पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के साथ अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे दक्षिणी पश्चिमी प्रांत में भिड़ंत कर रहे हैं.

पाकिस्तान सरकार बलूच उग्रवादियों को सुरक्षा बल, सरकारी प्रतिष्ठानों, पूर्वी पंजाब प्रांत से आने वाले मजदूरों तथा प्रवासियों और पाकिस्तान की सरकार का समर्थन करने वाले बलोच नेताओं पर हमले करने के लिये जिम्मेदार ठहराती है.

दूसरी तरफ, बलूच राष्ट्रवादी और मानवाधिकार संगठन पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हैं. उनका आरोप है कि सुरक्षाबल विरोध को दबाने के लिये हिंसक तरीके अपनाती है.

शुरूआत में जो विद्रोह एक कबीले के विरोध के रूप में देखा जा रहा था, वह आज एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है, जहां कई शिक्षित और मध्यमवर्गीय बलूच पेशेवर भी इससे जुड़ गये हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 30 Apr 2022,08:48 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT