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पाकिस्तान (Pakistan) का लाहौर सोमवार, 26 फरवरी को दुनिया भर के अखबारों में छाया रहा. वजह थी कि यहां एक ऐसी महिला को आक्रोशित भीड़ ने घेर लिया जिसके ड्रेस पर अरबी में लिखा हुआ था. भीड़ उस लिखे को कुरान की आयत समझ पर महिला पर ईशनिंदा का आरोप लगा रही थी.
ऐसे में मौके पर एक ऐसी जाबांज महिला पुलिस अधिकारी पहुंची जिसने बड़ी बहादुरी और समझदारी के साथ महिला को उस हिंसक भीड़ से बाहर निकाला. एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी की तारीफ पाकिस्तान से लेकर बाहरी मुल्क तक हो रही है. यहां तक कि उन्हें इस बहादुरी के इनाम के तौर पर कायद-ए-आजम पुलिस पदक देने की भी सिफारिश की गई है.
चलिए पहले तो आपको बताते हैं कि लाहौर में हुआ क्या और कैसे एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी ने उस महिला को बचाया? फिर आपको खुद एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी के बारे में भी बताएंगे.
सोमवार, 26 फरवरी को लाहौर के इचरा इलाके में एक महिला ऐसी ड्रेस पहन कर आई थी जिसपर अरबी में लिखा था. महिला एक रेस्टोरेंट में आई थी. लोगों ने उसे इस गलतफहमी के साथ घेर लिया कि उसकी ड्रेस पर जो कुछ लिखा है वह कुरान की आयते हैं. भीड़ ने महिला पर ईशनिंदा का आरोप लगा दिया.
इसके बाद मौके पर गुलबर्ग सर्कल की एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी पहुंची. उन्होंने पुलिस की टीम को आगे से लीड किया और महिला को हिंसक भीड़ से सुरक्षित बाहर निकाला.
इस घटना का एक वीडियो पंजाब पुलिस ने एक्स (पहले ट्विटर) पर शेयर किया है, जिसमें नकवी पहले भीड़ को समझाती हुईं और फिर महिला को सुरक्षित बाहर निकालते हुए देखी जा रही हैं.
पंजाब के आईजी डॉ उस्मान अनवर ने इस घटना का एक वीडियो शेयर करते हुए एएसपी नकवी की बहादुरी की खुब तारीफ की है. साथ ही उन्होंने कहा, “गुलबर्ग लाहौर की बहादुर एसडीपीओ एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी ने एक महिला को हिंसक भीड़ से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी."
इसके बाद पंजाब पुलिस ने इस वीरतापूर्ण कार्य के लिए कायद-ए-आजम पुलिस मेडल के लिए एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी के नाम की सिफारिश की.
पाकिस्तना के पंजाब की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भी शहरबानो नकवी की बहादुरी की प्रशंसा की.
पाकिस्तानी अखबार मिनट मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, सैयदा शहरबानो नकवी ने 2019 में सीएसएस की परीक्षा पास की है. उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो में सहायक निदेशक के रूप में भी काम किया है. नकवी ने पुलिस सुविधाओं के अंदर डेकेयर सेंटर (बच्चों की देखभाल का केंद्र) स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व किया है.
इसके साथ ही नकवी ने पुलिस में सेवा देने वाले कुत्तों को इंजेक्शन देकर मारने (यूथनेशिया) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और एक पुलिस पशु बचाव केंद्र की स्थापना की. साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि आठ साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त सेवा कुत्तों को जानबूझकर मारने की बजाय सम्मानित किया जाए.
वहीं एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी ने कमजोर वर्ग की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए तहफ्फुज केंद्र और दत्ता दरबार जैसी पहल की है.
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