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पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहरा गया है. महंगाई की चपेट में आए पाकिस्तान की हालत खस्ता हो गई है. पाकिस्तान में महंगाई बढ़कर 25 फीसदी के करीब पहुंच गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में खाने-पीने की चीजों को लेकर लोगों में भगदड़ मची हुई दिख रही है. सब्सिडी वाले आटे का स्टॉक खत्म हो गया है. गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं. प्याज के दाम में 500% से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कुछ ऐसा ही हाल खाने-पीने की वस्तुओं में भी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, आटे की किल्लत इतनी ज्यादा है कि सस्ता आटा खरीदने के चक्कर में अब तक 4 लोग जान गंवा चुके हैं. गैस सिलेंडर भी 10 हजार रुपये में बिक रहा है. राजधानी इस्लामाबाद और कॉमर्शियल राजधानी कराची में आटे के दाम आसमान छू रहे हैं. पाकिस्तान में थोक दाम में 1 किलो आटा 125 रुपये में मिल रहा है. फुटकर आटा खरीदने वालों को और ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, 20 किलोग्राम के आटे की बोरी थोक में 2500 रुपये की मिल रही है. पिछले हफ्ते इसी बोरी की कीमत 2400 रुपये थी. पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि आटे की कीमतें 2500 रुपये तक पहुंच गई हैं.
बताया जा रहा है कि शनिवार को सिंध राज्य के मीरपुर खास जिले में फूड डिपार्टमेंट की ओर से ट्रकों पर आए आटे के पैकेट देखकर भीड़ उमड़ पड़ी. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, छीना-झपटी में कई लोग घायल हो गए. जबकि एक मजदूर की मौत की खबर है.
पाकिस्तान के लीडिंग अखबर डॉन के मुताबिक पिछले साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में खाद्य पदार्थों के दाम में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई. प्याज के दाम में 414.98 से 463.5 फीसदी, चाय में 63.81 फीसदी, गेहूं में 57.26 फीसदी, अंडे में 54.38 फीसदी, साबुत चना में 53.18 फीसदी बढ़ोतरी दर्जी की गई.
वहीं, चावल में 46.61 फीसदी, बेसन में 46.41 फीसदी, चने की दाल में 45.2 फीसदी, चिकन में 43.76 फीसदी, मूंग दाल में 42.82 फीसदी, सरसों के तेल में 41.48 फीसदी, गेहूं के आटे में 40.58 फीसदी, ताजा दूध में 26 फीसदी, आलू में 24.72 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
पाकिस्तान में अनाज- बिजली के बाद रसोई गैस के लिए हाहाकार मचा है. आम लोग डर के मारे गैस सिलेंडरों का स्टॉक जमा कर रहे हैं. इससे नया सिलेंडर चाहने वालों या रिफिल कराने वालों की शामत आ गई है क्योंकि गैस सिलेंडर 10 हजार रुपये में बिक रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया कि जनवरी 2022 में एसबीपी का विदेशी मुद्रा भंडार 16.6 अरब डॉलर था जिसमें 11 अरब डॉलर की गिरावट आई और यह 5.6 अरब डॉलर रह गया. ऐसे में पाकिस्तान सरकार के पास विदेशी कर्ज को चुकता करने के लिए मित्र देशों से और कर्ज लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने खुद कहा है कि देश गंभीर स्थिति से गुजर रहा है. पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने के सामान या फिर रसोई गैस और बिजली हर चीज स्थानीय लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है. महंगाई के साथ ही पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज भी लगातार बढ़ रहा है.
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