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वैश्विक प्रतिबंधों के दबाव में पाकिस्तान सरकार को 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ रही है. पाकिस्तान सरकार की तरफ से सईद को आतंकी घोषित करने के बाद पंजाब प्रांत की सरकार ने रावलपिंडी में जमात-उद-दावा प्रमुख सईद के मदरसे और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को अपने कब्जे में ले लिया है.
यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र की एक उच्चस्तरीय टीम के जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा के लिए रावलपिंडी आने के बाद हुई है. हालांकि सरकार की कार्रवाई के बाद सईद का कहना है कि वह अदालत में इसे चुनौती देगा.
पाकिस्तान समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के निर्देश के बाद, रावलपिंडी प्रशासन ने जमात-उद-दावा और इसके चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) की ओर से चल रहे एक मदरसे और चार डिस्पेंसरी को अपने कब्जे में ले लिया. मदरसे को धार्मिक संपत्तियों की देखभाल करने वाले औकाफ विभाग को सौंप दिया गया, जबकि डिस्पेंसरी को स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जिला प्रशासन की टीम ने मदरसों का दौरा किया लेकिन जमात-उद-दावा ने इनके साथ अपने संबंधों से इनकार कर दिया. हालांकि सरकार ने मदरसा हुदौबिया पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है, जिसमें एक कॉलेज, एक स्कूल और एक मदरसा शामिल हैं और इसके वित्तीय लेन-देन की जांच की जा रही है."
अधिकारी ने कहा कि सरकार ने जमात-उद-दावा की तरफ से संचालित मदरसों के छात्रों, शिक्षकों और एफआईएफ के डिस्पेंसरी में डॉक्टरों और पारामेडिकल कर्मचारियों की जानकारी के लिए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह का अभियान अट्टक, चकवाल और झेलम जिलों में भी शुरू किया गया है.
सरकार की कार्रवाई के बाद सईद ने कहा, ‘‘बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद, सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, एम्बुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है. इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, आजाद कश्मीर और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा.''
अभी हाल ही में भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार ने बड़ा झटका देते हुए आतंकी घोषित किया है. पाक के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की तरफ से प्रतिबंधित लोगों और जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम लगाना है.
(इनपुटः IANS से)
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