भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार ने बड़ा झटका दिया है. पाक के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की तरफ से प्रतिबंधित लोगों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम लगाना है. इस लिस्ट में हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा भी शामिल है. यानी अब पाकिस्तान की नजरों में हाफिज सईद भी एक आतंकवादी है.
अब तक पाकिस्तान जमात-उद-दावा जैसे संगठनों पर कार्रवाई के नाम पर ढुलमुल रवैया अपनाता था. हाफिज को कुछ दिनों के लिए नजरबंद करने जैसी कूटनीतिक कदम से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा था. लेकिन राष्ट्रपति के अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद जमात-उद-दावा घोषित तौर पर आतंकी संगठन हो गया है.
क्या कहता है अध्यादेश?
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर किया गया यह अध्यादेश आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए) की एक धारा में संशोधन करता है और सरकारी अधिकारियों को यूएनएससी की ओर से प्रतिबंधित व्यक्तियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने, उनके ऑफिस और बैंक खातों को सील किए जाने का विशेष अधिकार देता है.
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने इस नए कदम की पुष्टि करते हुए कहा है कि गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ-साथ एनएसीटीए इस मामले पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
पाकिस्तान सरकार ने यह कदम 18 से 23 फरवरी तक पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से ठीक पहले लिया है. ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिका के दबाव में आकर एफएटीएफ पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल सकता है. इस बैठक में मनी लॉन्डरिंग जैसे मामलों को लेकर अलग-अलग देशों की निगरानी पर चर्चा होती है.
बता दें कि भारत लगातार कहता आया है कि जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद नंवबर 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टर माइंड है. इस संबंध में भारत की ओर से दिए गए सभी सबूतों को पाकिस्तान नकारता आया है. अमेरिका ने भी भारत का समर्थन करते हुए सईद के ऊपर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है.
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