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अगर आप महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे के एपिसोड को मिस कर रहे हैं तो आप पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त (Pakistan's Punjab Political Drama) की ओर अपनी नजर घुमा सकते हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की सियासत आजकल सरगर्म है- यहां भी आपको महाराष्ट्र की तरह दल-बदल पर स्पीकर के फैसले पर बवाल, तख्तापलट और कोर्ट के अंदर का ड्रामा- सबकुछ देखने को मिलेगा.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महत्वपूर्ण उपचुनाव होता है और इमरान खान की पार्टी 20 सीटों में से 15 सीटें जीतकर मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी PML-N को बुरी तरह से हरा देती है. सबको उम्मीद थी कि अब इमरान खान (PTI) के समर्थन वाले PML-Q नेता चौधरी परवेज इलाही विधानसभा में हुए चुनाव में बहुमत का आंकड़ा जुटा लेंगे और सीएम पद की कुर्सी पर कमबैक करेंगे.
मजारी ने घोषणा की कि PML-Q के 10 विधायकों ने अपने नेता हुसैन की निर्देश के विपरीत वोट डाला था, जिन्होंने कथित तौर पर उन्हें वोटिंग से दूर रहने के लिए कहा था.
यानी सदन में स्पीकर की कृपा शहबाज शरीफ के बेटे और तात्कालिक मुख्यमंत्री हमजा शरीफ पर होती है. हमजा शरीफ ने केवल 176 वोट के साथ मुख्यमत्री पद की शपथ ले ली. ऐसे में चौधरी परवेज इलाही ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय बेंच ने 2 दिन की सुनवाई के बाद मंगलवार, 26 जुलाई की देर रात हमजा शरीफ को झटका देते हुए चौधरी परवेज इलाही को पंजाब का विधिवत निर्वाचित मुख्यमंत्री घोषित किया.
कायदे से इसके बाद पंजाब के गवर्नर बलीघुर रहमान को चौधरी परवेज इलाही को सीएम पद की शपथ दिलानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद देर रात चौधरी परवेज इलाही इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) भागकर पहुंचे जहां राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
PML-N सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि “पाकिस्तान एक सर्कस में बदल गया. इसके लिए तीन (सुप्रीम कोर्ट) जजों को सलाम.” दूसरी तरफ नवाज की बेटी और उनकी उत्तराधिकारी मरियम ने इसे "न्यायिक तख्तापलट" बताया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से जिस तरह से इमरान खान को बेदखल किया गया था, उनके लिए देश की सबसे बड़ी आबादी और राजनीतिक गढ़ के नाम से जाने-जाने वाले प्रान्त में यह जीत बड़ी बात है.
अखबार का कहना है कि यह केवल समय की बात है शाहबाज शरीफ को पाकिस्तान में सभी विरोधियों से, विशेष रूप से इमरान खान की पीटीआई से जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए दबाव का सामना करना पड़ता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान में जिस तरह से इमरान खान को लेकर जनता सहानुभूति दिखा रही है और शाहबाज को देश के सबसे बड़े प्रांत में हार का सामना करना पड़ा है- अभी चुनाव होते हैं तो शाहबाज शरीफ के लिए पीएम की कुर्सी को बनाए रखना बहुत मुश्किल हो सकता है.
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