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"वहां कोई घर नहीं बचा था", ये बात पास के गांव के निवासी डोमिनिक लाउ ने कही कि जब वह भूस्खलन स्थल पर पहुंचा.
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया एबीसी से बात करते हुए, डोमिनिक लाउ ने कहा कि यहां सब "मिट्टी की तरह बिल्कुल सपाट" हो गया था. "वहां कुछ भी नहीं था, केवल चट्टानें और मिट्टी... कोई लोग नहीं थे और देखने के लिए कोई घर नहीं बचा था."
पापुआ गिनी में हुई भारी भूस्खलन के बाद बचाव कार्य जारी है. जानकारी के अनुसार, घटना में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है.
समुदाय के नेता मार्क इपुइया ने शनिवार (25 मई) को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "इस समय, हम अभी भी बड़े पैमाने पर भूस्खलन से दबे हुए शवों की तलाश कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि "300 से अधिक" ग्रामीणों के शव जमीन में दफन होने की आशंका है.
राजधानी पोर्ट मोरेस्बी स्थित संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक मलबे से केवल चार शव निकाले गए हैं.
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह आपदा शुक्रवार (24 मई) को स्थानीय समयानुसार लगभग 03:00 बजे (गुरुवार को 17:00 GMT) सुबह एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में आई, जब कई ग्रामीण घर पर सो रहे थे.
अल जजीरा के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारी सेरहान एक्टोप्राक ने कहा, "मलबे के नीचे बहुत सारे घर हैं, जिन तक नहीं पहुंचा जा सकता है." उनका अनुमान है कि लगभग 3,000 लोग पहाड़ी बस्ती में रहते हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "जमीन लगातार खिसकती जा रही है और इससे लोगों के लिए काम करना खतरनाक हो जाता है."
हालांकि, यह क्षेत्र घनी आबादी वाला नहीं है, मानवीय एजेंसी "केयर" ने कहा कि उसे चिंता है कि मरने वालों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डीएफएटी) ने शनिवार को कहा कि कुल मिलाकर, प्रांत के मुलिताका क्षेत्र में भूस्खलन से छह से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.
डीएफएटी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "पोर्ट मोरेस्बी में ऑस्ट्रेलिया का हाईकमिश्नर क्षति और हताहतों की सीमा पर आगे के आकलन के लिए पीएनजी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है."
ग्रामीण निंगा रोल द्वारा पोस्ट किए गए सोशल मीडिया वीडियो में लोगों को जीवित बचे लोगों की तलाश में चट्टानों, उखड़े पेड़ों और मिट्टी के टीलों पर चढ़ते हुए दिखाया गया है. वीडियो में पीछे महिलाओं को रोते हुए सुना जा सकता है.
दक्षिण प्रशांत काउंटी भारी बारिश और बाढ़ के साथ-साथ भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है. मार्च में, पास के एक प्रांत में भूस्खलन से कम से कम 23 लोग मारे गए थे.
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