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फ्रांस की संस्था Forbidden Stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) ने मिलकर खुलासा किया है कि इजरायली कंपनी NSO के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए दुनिया भर की सरकारें पत्रकारों, कानूनविदों, नेताओं की जासूसी करा रही हैं. इस जांच को 'पेगासस प्रोजेक्ट' (Pegasus Project) नाम दिया गया है. निगरानी वाली लिस्ट में 50 हजार लोगों के नाम हैं. इस चौंकाने वाली रिपोर्ट के सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) की प्रतिक्रिया आई है.
UN ने सर्विलांस तकनीक के बेहतर रेगुलेशन की अपील की है. पेगासस प्रोजेक्ट में पता चला है कि बड़े स्तर पर लोगों के फोन हैक किए गए या इसकी योजना बनाई गई.
UN राइट्स चीफ मिशेल बेचेलेट ने एक बयान में कहा, "पेगासस स्पाइवेयर को लेकर रिपोर्ट्स सर्विलांस तकनीक की बिक्री, ट्रांसफर और इस्तेमाल में बेहतर रेगुलेशन की जरूरत और सख्त निगरानी और ऑथोराइजेशन सुनिश्चित करने की पुष्टि करती हैं."
एपल अपने आईफोन की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है. हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट कहती है कि पेगासस ने दुनियाभर में हजारों आईफोन यूजर को प्रभावित किया है.
एमनेस्टी टेक की डिप्टी डायरेक्टर डाना इंग्लटन ने कहा कि 'हमारी फॉरेंसिक एनालिसिस में ऐसे सबूत मिले हैं जो साबित करते हैं कि पेगासस स्पाइवेयर ने आईफोन 11 और 12 को सफलतापूर्वक प्रभावित किया है.'
एमनेस्टी का कहना है कि iMessage जीरो क्लिक हमलों के जरिए पेगासस ने आईफोन को संक्रमित किया है.
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