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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सोमवार रात एक शक्तिशाली बम विस्फोट से दहल गई. स्थनीय अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने उस इलाके को निशाना बनाया, जहां कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और गेस्ट हाउस मौजूद हैं. धमाके में कम से कम 80 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है. ग्रीन विलेज कम्पाउंड के इस इलाके को PD 9 के नाम से भी जाना जाता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक धमाके में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है और हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने पुष्टि की, कि ब्लास्ट का टारगेट ग्रीन विलेज कंपाउंड था. धमाके की वजह से काबुल के ऊपर रात को आसमान धुएं से भर गया. गृह मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी बहार माहेर ने स्थानीय न्यूज चैनल को बताया कि विस्फोटकों से लदी कार के जरिए ये धमाका कराया गया. धमाके में हताहतों के तादाद की अभी तक कोई आधिकारिक खबर नहीं है, लेकिन काबुल में पत्रकार इसमातुल्लाह कोहसर के मुताबिक धमाके में कम से कम 80 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है. कोहसर के मुताबिक धमाका इतना शक्तिशाली था कि ब्लास्ट की जगह से एक किलोमीटर दूर तक मौजूद घरों को नुकसान हुआ है.
काबुल में ग्रीन विलेज लगातार आतंकी हमलों का निशाना रहा है. कई विदेशी इस परिसर में रहते हैं, जो अफगान सुरक्षा बलों और निजी सुरक्षा गार्डों के भारी सुरक्षा के बीच यहां रहते हैं. कंपाउंड को जनवरी में भी एक आत्मघाती कार हमलावर ने निशाना बनाया था. हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हुई थी, और कई घायल हुए थे. यह विस्फोट भी तब हुआ था जब अमेरिकी दूत, जाल्मे खलीलजाद अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ अपनी वार्ता पर अफगान सरकार को जानकारी देने के लिए राजधानी का दौरा कर रहे थे.
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इससे पहले सोमवार को, खलीलजाद ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को अमेरिकी-तालिबान के मसौदे को यह घोषित करने के बाद दिखाया कि वे "एक समझौते की दहलीज पर हैं." रविवार शाम कतर से आने के बाद से खलीलजाद दो बार राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत, पहले 5,000 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में पांच ठिकानों से 135 दिनों के भीतर वापस आ जाएंगे. मौजूदा समय में अफगानिस्तान में करीब 14,000 सैनिक अफगानिस्तान में हैं.
(इनपुट: PTI और रॉयटर्स)
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