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Qatar Case: कतर की जेल में बंद आठ भारतीय नौसेना के कर्मियों को रिहा कर दिया गया है. इसकी जानकारी सरकार ने आज सुबह यानी 12 फरवरी को दी. उन्होंने बताया कि उनमें से 7 पूर्व नौसैनिक कतर से भारत लौट आए हैं.
सरकार ने आज सुबह उनकी रिहाई की घोषणा की और कतर के अमीर को उनकी घर वापसी में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया.
विदेश मंत्रालय ने कहा...
वे एक निजी फर्म, दहरा ग्लोबल द्वारा नियुक्त किए गए थे, और अपनी व्यक्तिगत भूमिकाओं में कतरी एमिरी नौसेना बल में इतालवी यू212 स्टील्थ पनडुब्बियों की शुरूआत में सहायता करने के लिए कतर में थे. रिपोर्ट के अनुसार, उनपर जासूसी के आरोप थे.
कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर, 2023 को उन्हें मौत की सजा सुनाई. भारत ने कहा था कि वह फैसले से "गहरा झटका" लगा है और भारत सरकार वह सभी कानूनी विकल्प तलाश रही है जो संभव हो. हालांकि, भारत के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद दिसंबर में मृत्युदंड को कम कर दिया गया था.
अब देश वापस आ चुके नौसेना के दिग्गजों ने अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया.
उनमें से एक नौसेना कर्मी ने कहा,
दूसरे नौसेना कर्मी पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा...
अगस्त 2022: निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नौसैनिकों को कथित जासूसी मामले में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था.
सितंबर 2022: आठ पूर्व नौसौनिकों की पहली जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया.
मार्च 2023: 25 मार्च को आठ भारतीय नौसेना के अधिकारियों के खिलाफ आरोप दायर किए गए और उन पर कतरी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया.
मई 2023: अल-दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) घर लौट आए.
अक्टूबर 2023: आठ भारतीयों को 26 अक्टूबर को कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा दी. भारत ने फैसले को चौंकाने वाला बताया और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही.
9 नवंबर 2023: मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई और कतर की एक उच्च अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली. हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम द्वारा अपील दायर की गई थी.
16 नवंबर 2023: भारत ने कहा कि कतर की एक अदालत द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है और उसे इससे सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.
23 नवंबर 2023: मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील स्वीकार की गई.
7 दिसंबर 2023: कतर में भारतीय राजदूत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों से मुलाकात की, जिन्हें अक्टूबर में कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.
27 दिसंबर 2023: कतर की एक अपीलीय अदालत ने आठ भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा को कम कर दिया.
4 जनवरी 2024: कतर की एक अदालत द्वारा आठ भारतीय पूर्व-नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम करने के एक हफ्ते बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर की उच्चतम अदालत में मामले की अपील करने के लिए 60 दिन की समय सीमा दी गई है.
12 फरवरी: कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को दोहा ने रिहा कर दिया.
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