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कतर के लिए 2 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक रहा. ऐसा इसलिए है क्योंकि कतरी नागरिकों ने देश के पहले विधायी चुनावों (Qatar Election) में सलाहकार शूरा काउंसिल के लिए मतदान किया. 45 सीटों वाली शूरा काउंसिल के दो-तिहाई सीटों, यानी 30 सीटों के लिए वोट डाले गए.
देश के 2004 के संविधान के अनुसार कतर का अमीर (सुप्रीम हेड) शेष 15 सदस्यों की नियुक्ति करेंगे.
कतर में शूरा काउंसिल एक सलाहकार और विधायी निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी. कतर में यह सामान्य नीतियों और कानून प्रस्तावों को मंजूरी देने या अस्वीकार करने का काम करती है. इसके साथ-साथ यह राज्य के बजट को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है.
विश्लेषकों का कहना है कि लोकतंत्र के लिए इस प्रतीकात्मक मंजूरी मात्र से इस देश की सत्ता राजपरिवार से दूर नहीं जाएगी. कतर में राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध है. नगर निगम के चुनावों में नागरिकों को मतदान करने की अनुमति है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर शूरा काउंसिल के लिए पहली बार मतदान किया गया.
गल्फ स्टेट एनालिटिक्स के सीईओ और संस्थापक Giorgio Cafiero ने अल-जजीरा को बताया कि यह चुनाव कतर को "लोकतंत्र में नहीं बदलेगा" लेकिन कम से कम हम इसे शासन में प्रतिनिधित्व की दिशा में एक कदम जरुर माना जा सकता है.
कतर के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री, शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने पिछले महीने इस चुनाव को एक नया "प्रयोग" बताया था और कहा कि शूरा काउंसिल से पहले साल से ही "किसी संसद की तरह पूर्ण भूमिका" की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
इन्होंने अपने चुनाव प्रचार में सिर्फ स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिकता अधिकारों सहित सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया. लेकिन कतर की विदेश नीति या राजशाही की स्थिति के बारे में समान रूप से बहस से परहेज किया है.
दूसरी तरफ कुवैत एक निर्वाचित संसद को पर्याप्त शक्तियाँ देने वाला एकमात्र खाडी देश का राजतंत्र रहा है. हालांकि वहां भी पड़ोसी राज्यों की तरह अंतिम निर्णय लेने का अधिकार शासक के पास होता है.
कतर में कतरियों की संख्या लगभग 333,000 है, जो कि 28 लाख की आबादी का केवल 10 प्रतिशत है. लेकिन जुलाई 2020 में पास किये गए एक चुनावी कानून के अनुसार केवल उन्हीं के वंशज वोट देने और चुनाव में खड़े होने के पात्र हैं जो 1930 में कतर के नागरिक थें.
शूरा काउंसिल में महिला प्रतिनिधित्व न के बराबर होने की संभावना है क्योंकि उम्मीदवार ज्यादातर पुरुष हैं. 30 उपलब्ध काउंसिल सीटों के लिए 284 उम्मीदवारों में से लगभग 30 महिलाएं खड़ी हैं.
ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार कतर में महिलाओं को अपने पुरुष अभिभावकों से शादी करने, सरकारी स्कॉलरशिप पर विदेश में पढ़ाई करने, कई सरकारी नौकरियों में काम करने, कुछ उम्र तक विदेश यात्रा करने तक के लिए अनुमति लेनी होती हैं. शूरा काउंसिल के चुनाव के बाद भी उसमे बदलाव के आसार नहीं हैं.
हालांकि गौरतलब है कि कतर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अपने खाड़ी पड़ोसियों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की तुलना में अधिक मजबूत है. कतर में स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व महिला के हाथ में है जबकि विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता भी एक महिला है.
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