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शुक्रवार, 11 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर (S Jaishankar) मेलबर्न में क्वाड विदेश मंत्रियों की मीटिंग में अमेरिका, जापान ऑस्ट्रेलिया के साथ शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान नियमों पर आधारित इन्टरनेशनल ऑर्डर को बनाए रखने के अपनी राय साझा की.
क्वाड द्वारा जारी किए गए साझा वक्तव्य में कहा मुंबई हमले और पठानकोट हमलों की निंदा की गई.
उन्होंने आगे कहा कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने, आतंक की योजना बनाना या फंड देने जैसे कार्य हिंद-प्रशांत की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं.
जयशंकर ने भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवाद की चुनौती की ओर इशारा किया और हाल की उस घटना को याद किया जिसमें एक कर्नल और उनका परिवार आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर मारे गए थे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत राष्ट्रीय प्रतिबंधों के खिलाफ है. बता दें कि अमेरिका ने म्यांमार सरकार के कई नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन संकट खतरों की ओर इशारा करते हैं, जिसमें यूक्रेन बॉर्डर पर आने वाली नई सेनाएं शामिल हैं. किसी भी वक्त अटैक शुरू हो सकता है.
जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि क्वाड मीटिंग के दौरान यूक्रेन पर चर्चा की गई और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को जापान द्वारा लगातार समर्थन दिया गया है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मीटिंग पर सवाल पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा कि मैं बस इतना ही कहूंगा कि जैसा कि मेरे सहयोगियों ने देखा है, हम किसी चीज के लिए हैं किसी के खिलाफ नही हैं. यूक्रेन का मुद्दा क्वाड विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान का भी हिस्सा नहीं था.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मीटिंग पर सवाल पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा कि मैं बस इतना ही कहूंगा कि जैसा कि मेरे सहयोगियों ने देखा है, हम किसी चीज के लिए हैं किसी के खिलाफ नही हैं.
भारतीय विदेश मंत्री ने म्यांमार पर जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हम सभी म्यांमार में चल रहे लोकतांत्रिक परिवर्तन के महत्व पर सहमत हुए हैं और स्पष्ट रूप से देश एक अलग दिशा में आगे बढ़ा है. कुछ ऐसा भी हुआ है जो हम सभी को परेशान करता है. मुझे लगता है कि हम सभी म्यांमार पर आसियान की स्थिति और शामिल होने के उनके प्रयासों का भी समर्थन करते हैं.
जापान के विदेश मंत्री हयाशी ने कहा कि भारत के पीए नरेन्द्र मोदी सहित चार क्वाड देशों के नेता इस साल की पहली छमाही में जापान में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे.
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