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हिंद महासागर में फंसे एक छोटे से जहाज पर सवार 104 रोहिंग्या शरणार्थियों को श्रीलंकाई नौसेना ने बचा लिया है. इसकी जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन गयान विक्रमासूर्या ने कहा कि नाव, पहली बार श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तब देखी गई जब यह तट से 3.5 समुद्री मील (6.4 किमी) के करीब थी, एक खोज और बचाव अभियान शुरू होने के बाद इसे उत्तरी बंदरगाह पर ले जाया गया था.
बता दें, साल 2017 में म्यांमार सेना के हाथों व्यापक हिंसा से बचने के बाद कई हजार रोहिंग्या बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रहने की खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं.
नौसेना के एक बयान में कहा गया है कि 104 म्यांमार के नागरिक एक छोटे पोत पर सवार पाए गए हैं, जिसके म्यांमार से आने का संदेह है. बयान में दावा किया गया है कि नाव इंडोनेशिया जा रही थी, तभी समुद्र में उसके इंजन में खराबी आ गई.
नवंबर के अंत में रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जाने वाली तीन नौकाओं के बांग्लादेश से रवाना होने की सूचना मिली थी.
16 दिसंबर को म्यांमार की निर्वासित राष्ट्रीय एकता सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जा रहे एक जहाज को "एक वियतनामी कंपनी द्वारा रोका गया" और म्यांमार नौसेना को सौंप दिया गया. एक अन्य पोत का इंजन खराब हो गया, जबकि तीसरे पोत का कुछ पता नहीं है.
वहीं, दूसरी नाव, जिसका इंजन फेल हो गया था, भारतीय जल में होने की सूचना है, श्रीलंकाई नौसेना ने रविवार को 100 से अधिक शरणार्थियों के साथ एक जहाज को बचाया और उन्हें किनारे पर लाया.
हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा बचाया गया जहाज उन तीन नावों में से एक है जो नवंबर में बांग्लादेश से रवाना हुई थी.
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