Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'हम मर रहे हैं', अंडमान सागर में फंसे रोहिंग्या शरणार्थी ने फोन कॉल पर बताया

'हम मर रहे हैं', अंडमान सागर में फंसे रोहिंग्या शरणार्थी ने फोन कॉल पर बताया

"हमें कोई जहाज या मदद नहीं मिली है. अभी तो हम पानी में तैर रहे हैं. हम मृतकों को नाव से फेंक देते हैं"

समर्थ ग्रोवर
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>'हम मर रहे हैं', अंडमान सागर में फंसे रोहिंग्या शरणार्थी ने फोन कॉल पर बताया</p></div>
i

'हम मर रहे हैं', अंडमान सागर में फंसे रोहिंग्या शरणार्थी ने फोन कॉल पर बताया

फोटोः क्विंट हिंदी

advertisement

“नहीं, हमें कोई जहाज या मदद नहीं मिली है. अभी तो हमारी नाव बस पानी पर तैर रही है. हर कोई भूखा है और हम बिना खाना या पानी के मर रहे हैं.” यह बात 160 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश से मलेशिया ले जा रही एक नाव में फंसे एक पैसेंजर ने फोन कॉल पर कही.

द क्विंट ने 11 दिसंबर को नाव पर एक यात्री और एक शरणार्थी के परिवार के सदस्य से 'द आजादी प्रोजेक्ट संगठन' के माध्यम से वॉयस कॉल के जरिए बात की. द आजादी प्रोजेक्ट एक संगठन है जो "शरणार्थी महिलाओं को डिजिटल कौशल सिखाने में मदद करता है, जो स्थानीय श्रम बल में उनके एकीकरण की सुविधा उपलब्ध कराता है."

शरणार्थियों ने 25 नवंबर को जोखिम भरी यात्रा की, जब वे बांग्लादेश में कॉक्स बाजार के पास एक तट से एक "गैर-समुद्री जहाज" पर सवार हुए, जहां पड़ोसी राज्य म्यांमार में जातीय समूह के नरसंहार के बाद 2017 में एक लाख से अधिक रोहिंग्या पलायन कर गए थे.

हालांकि, 1 दिसंबर को नाव के इंजन खराब हो गए. तब से जहाज भटक रहा है.

UNHCR ने 8 दिसंबर को एक बयान जारी किया था कि एक गैर समुद्री जहाज में रोहिंग्या शरणार्थियों का एक समूह फंसा हुआ है और उस जहाज का इंजन खराब हो गया है. UNHCR ने उस क्षेत्र के देशों से तुरंत बचाव और उन्हें सुरक्षित निकालने की अपील की थी. इसके बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता अलर्ट हो गए थे.

'हम मर रहे हैं'

UNHCR के अपील के बाद भी क्षेत्र के देशों से भोजन, पानी और कोई मदद नहीं मिलने के कारण, शरणार्थियों के परिवार बार-बार अपील कर रहे हैं और अपने परिजनों के लिए मदद मांगने की कोशिश कर रहे हैं.

नहीं, हमें कोई जहाज या मदद नहीं मिली है. अभी तो हम पानी में तैर रहे हैं. हम मृतकों को नाव से फेंक देते हैं. हर कोई भूखा है, हम बिना भोजन या पानी के मर रहे हैं.
एक यात्री

एक परिवार के सदस्य ने पूछा कि "तुमने कहा था कि तुम कल तक एक जहाज पर पहुंच जाओगे. क्या तुम अभी तक वहां नहीं पहुंचे? तब यात्री जवाब देता है कि "नहीं, हम जहाज पर नहीं पहुंचे. इंजन काम नहीं कर रहा है और हम हवा के कारण बह रहे हैं." ये बातें यात्री और परिवार के सदस्य के बीच संक्षिप्त बातचीत में यात्री को उत्तर देते हुए सुना जा सकता है.

हालांकि, कथित कॉल पर आए लोग संबंधित नहीं हैं, लेकिन बांग्लादेश से कॉल करने वाला शरणार्थी अपनी बहन फातिमा के बारे में जानना चाहता है और क्या नांव पर मौजूद लोगों को कोई मदद मिली है.

वो कहते हैं, "कल मुझे बताया गया था कि उम्मीद है कि हवा नाव को धीरे-धीरे ले जाएगी, इसलिए मैं पूछ रहा हूं क्योंकि मेरी एक बहन भी है."

परिवार का सदस्य फिर से यात्री से विनती करता है कि वह अपनी बहन से बात करे. “फोन चार्ज नहीं होने” के कारण मना करने पर वह बेबस होकर “ओके” कहकर कॉल काट देता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'हम जोखिम जानते हैं लेकिन...'

बांग्लादेश के कुतुपालोंग शरणार्थी शिविर में रोहिंग्या शरणार्थी रेजुवान खान ने पहले द क्विंट को बताया था कि "हम जानते हैं कि यात्रा जोखिमों से भरी है लेकिन यहां हमें शिक्षा या काम करने का कोई अधिकार नहीं है. यही कारण है कि लोग इतना बड़ा जोखिम उठा रहे हैं और पलायन कर रहे हैं. उम्मीद है कि कोई देश हमें शरण देगा.”

उनकी 28 वर्षीय बहन खतेमोंसा और उनकी पांच वर्षीय बेटी उन 160 रोहिंग्या शरणार्थियों में शामिल हैं जो "गैर-समुद्री पोत" पर सवार हैं.

रेजुवान ने कहा कि कम से कम 10 दिसंबर तक, कुछ संपर्क था - एक फोन कॉल या दो उपग्रह फोन के माध्यम से. "तब से, हम उन लोगों के साथ बिल्कुल भी संपर्क नहीं कर पाए हैं."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT