Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Russia-Ukraine War के कारण 120 करोड़ लोग पर भुखमरी का संकट, मुश्किल में 94 देश

Russia-Ukraine War के कारण 120 करोड़ लोग पर भुखमरी का संकट, मुश्किल में 94 देश

युद्ध के कारण यूक्रेन में लगभग 25 मिलियन टन गेहूं फंसा, अनाज और भूखे लोगों के बीच बिछे हैं माइंस

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>रूस-यूक्रेन युद्ध का असर: खाद्य संकट का सामना कर रही पूरी दुनिया,UN ने क्या कहा?</p></div>
i

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर: खाद्य संकट का सामना कर रही पूरी दुनिया,UN ने क्या कहा?

(फोटो- क्विंट)

advertisement

यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी हमलें का असर सिर्फ आम यूक्रेनी जनता पर ही नहीं बल्कि अब पूरे विश्व की जनता के पेट (Food Crisis) पर पड़ने लगा है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और अमेरिका (America) के नेतृत्व में पश्चिमी देशों द्वारा उसकी अर्थव्यवस्था पर लगाए गए प्रतिबंधों ने वैश्विक स्तर खाद्य कीमतों को बढ़ा दिया है. इसने लाखों लोगों को, विशेष रूप से कम आय वाले देशों में, भुखमरी की ओर धकेल दिया है.

विश्व व्यापार संगठन (WHO) के प्रमुख ने हाल ही में कहा है कि अगर कदम नहीं उठाए गए तो यूक्रेन युद्ध से शुरू हुआ खाद्य संकट सालों तक बना रह सकता है.

वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि 2023 में खाद्य संकट को रोकने के लिए "समय कम है".

ऐसे में सवाल है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया खाद्य संकट का सामना कैसे कर रही है? UN और विश्व व्यापार संगठन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए खाद्य संकट पर क्या कहा है? आखिर यूक्रेन रूस पर अनाज चुराने का आरोप क्यों लगा रहा है?

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया खाद्य संकट का सामना कैसे कर रही है?

मालूम हो कि यूक्रेन गेहूं का एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक देश है, जो गेंहू के वैश्विक बाजार में 9% का योगदान देता है. यूक्रेन वैश्विक सूरजमुखी तेल बाजार के 42% हिस्से और दुनिया के मक्का के 16% हिस्से का निर्यात करता है. गेंहू और मक्का दोनों ही दुनिया की एक बड़ी आबादी के लिए स्टेपल फूड या प्रमुख भोजन है. लेकिन काला सागर बंदरगाहों पर रूसी नाकेबंदी और इसके तट से लगे इलाकों में यूक्रेनी और रूसी माइंस के कारण यूक्रेन में लगभग 20 से 25 मिलियन टन गेहूं फंस गया है. नतीजतन आपूर्ति संकट के कारण वैश्विक स्तर पर अनाज की कीमतें ऊपर की ओर बढ़ रही हैं.

युद्ध के कारण लाखों टन अनाज गोदामों और यूक्रेन के बंदरगाहों में पड़ा है, लेकिन उनका निर्यात नहीं हो पा रहा है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

UN और विश्व व्यापार संगठन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए खाद्य संकट पर क्या कहा है?

बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की डायरेक्टर जेनेरल Ngozi Okonjo-Iweala ने कहा है कि अगर हस्तक्षेप नहीं किया गया तो रूस-यूक्रेन युद्ध से शुरू हुआ खाद्य संकट सालों तक बना रह सकता है. उनके अनुसार इस स्थिति में विशेष रूप से अफ्रीकी देश गेहूं और फर्टिलाइजर की कमी से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं.

WTO की डायरेक्टर जेनेरल ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की कीमतों में 59% की वृद्धि हुई है, सूरजमुखी के तेल में 30% की वृद्धि हुई है, जबकि मक्का की कीमतों में 23% की वृद्धि हुई है.

UN के ग्लोबल क्राइसिस रेस्पॉन्स ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण 94 देशों में अनुमानित 1.6 बिलियन लोग फाइनेंस, भोजन, या ऊर्जा संकट में से कम से कम एक का सामना कर रहे हैं. जबकि लगभग 1.2 बिलियन लोग "परफेक्ट-स्टॉर्म" देशों में रहते हैं, जो तीनों मोर्चे पर गंभीर रूप से असुरक्षित हैं.

8 जून को प्रकाशित इस रिपोर्ट में खाद्य और ईंधन की रिकॉर्ड तोड़ कीमतों को स्थिर करने, सामाजिक सुरक्षा को लागू करने और विकासशील देशों को वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए कहा गया है.

UN की इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि 2023 में खाद्य संकट को रोकने के लिए "समय कम है". रिपोर्ट के अनुसार अगर कदम नहीं उठाए जाते हैं तो 2023 में हमें भोजन तक पहुंच और भोजन की उपलब्धता, दोनों की समस्या होगी.

अमेरिका- यूक्रेन रूस पर अनाज चुराने का आरोप क्यों लगा रहा है?

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस यूक्रेन से चुराए गए गेहूं को अफ्रीका के सूखाग्रस्त देशों को बेचकर उस लूट से लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है.

मई में अमेरिका ने 14 देशों को अलर्ट भेजा था ( ज्यादातर अफ्रीकी देशों को) कि रूसी जहाज यूक्रेन के पास के बंदरगाहों से जा रहे थे, जिसमें अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के अनुसार "यूक्रेन से चुराया अनाज" था. पिछले हफ्ते तुर्की में तैनात यूक्रेन के राजदूत, वासिल बोदनार ने भी कहा था कि रूस चुराया हुआ अनाज बेच रहा है.

यूक्रेन ग्रेन एसोसिएशन के प्रमुख मायकोला गोर्बाकोव ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन के बंदरगाहों से निर्यात फिर से शुरू नहीं हो पाता है, तो जुलाई के अंत में शुरू होने वाली अगली फसल बुरी तरह प्रभावित होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT