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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को शुरू हुए शुक्रवार, 3 जून को 100 दिन पूरे हो गए हैं. यूक्रेन के बॉर्डर पर महीनों तक सेना-हथियारों की तैनाती बढ़ाने और आक्रमण की किसी योजना से कई इनकारों के बाद व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ एक "विशेष सैन्य अभियान" शुरू करने की घोषणा की थी.
आइए जानते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War Complete Timeline) के इन 100 दिनों में क्या-कुछ हुआ.
24 मार्च को रूस का हमला पूरे यूक्रेन पर मिसाइल हमलों के साथ शुरू हुआ. Senkivka से कीव की ओर और क्रीमिया से खेरसॉन की ओर रूसी सेना ने जमीन के रास्ते घुसपैठ की. राजधानी कीव में रूसी पैराट्रूपर्स ने राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या के लिए राष्ट्रपति भवन में घुसने के दो प्रयास भी किए.
2 मार्च तक रूसी सेना ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर मारियुपोल को घेर लिया और Kherson शहर पर कब्जा कर लिया. युद्ध के एक हफ्ते में ही रिफ्यूजियों की संख्या 9.9 लाख के करीब पहुंच गयी थी.
5 मार्च तक युद्ध को शुरू हुए 10 दिन का वक्त निकल चुका था. रूसी हमलों में इरपिन नदी पर बना मुख्य पुल और नदी पर बना सोवियत रूस काल का बांध तबाह हो गया था. इससे कीव के पश्चिम में बाढ़ जैसी स्थिती बन गयी.
11 मार्च तक युद्ध के शुरू हुए दो सप्ताह हो गए थे और पूरा यूक्रेन, खासकर राजधानी कीव बमबारी से दहल चुकी थी. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने तब रिपोर्ट जारी की थी कि कीव के उत्तर-पश्चिम में रूसी सेना का 40 मील का काफिला “फायरिंग पोजीशन में आगे बढ़ रहा है”. हालांकि यूक्रेन की सेना मुहतोड़ जवाब दे रही थी.
मारियुपोल को घेरकर बैठी रूसी सेना ने 16 मार्च को शहर के मुख्य थिएटर पर हवाई हमला किया जहां सैकड़ों नागरिकों ने शरण ले रखी थी. युद्ध के 3 हफ्ते बीत जाने के बाद रिफ्यूजियों की संख्या बढ़ कर 31 लाख से अधिक हो चुकी थी.
कई मझे वॉर एक्सपर्ट्स के अनुमान को धता बताते हुए युद्ध अब चौथे सप्ताह में पहुंच चुका था. सब हैरान थे कि रूस की इतनी मजबूत देना को मुट्ठी भर यूक्रेनी सैनिक कैसे चुनौती दे रहे हैं. आलम यह था कि 22 मार्च को यूक्रेन ने दावा किया कि रूसी सेना के पास केवल तीन दिनों की सप्लाई बची है. हालांकि दूसरी तरफ इस युद्ध की मार आम नागरिक झेल रहे थे. 22 मार्च तक रिफ्यूजियों की संख्या बढ़कर 35 लाख के पार हो चुकी थी.
रूस-यूक्रेन के युद्ध का जब पांचवा सप्ताह बीतने को आया तो लगा कि वार्ता से युद्ध जल्द खत्म हो जायेगा. 29 मार्च को रूस ने तुर्की में यूक्रेन के साथ बातचीत के दौरान घोषणा की कि वह कीव और Chernihiv के पास अपनी "सैन्य गतिविधि को बड़े स्तर पर कम करेगा". हालांकि यह बातें हवाई साबित हुईं और गोलाबारी जारी रही.
रूस-यूक्रेन के युद्ध के छठे हफ्ते में जब रूस की सेना Bucha शहर से पीछे हटी तो अपने पीछे नरसंहार का मंजर छोड़ गयी. 5 अप्रैल तक यूक्रेनी अधिकारियों को 300 से अधिक शव मिले थे. इनमें से कई के हाथ बंधे हुए थे.
11 अप्रैल को यूक्रेन ने Donbas क्षेत्र में संभावित रूसी आक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए पश्चिमी देशों से और अधिक हथियारों की मांग की. इसी दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साउथ कोरिया की संसद को बताया कि मारियुपोल पर रूस के हमले में दसों हजार लोगों के मारे जाने की संभावना है.
14 अप्रैल को यूक्रेन की सेना ने काला सागर में रूसी बेड़े का प्रमुख युद्धपोत Moskva cruiser को डुबो दिया. रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुरू में उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि Moskva cruiser डूब गई है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि आग बुझा दी गई थी. यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूस के Moskva cruiser पर नेप्च्यून एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से हमला किया था.
21अप्रैल को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक आदेश जारी किया कि Mariupol में Azovstal steelworks को उनकी सेना घेरकर बंद कर दे ताकि एक मक्खी भी बाहर न निकल सके.
27 अप्रैल को ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने अपने अधिकांश हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण बरकरार रखा है और रूस यूक्रेन की वायु सेना को प्रभावी ढंग से नष्ट करने या उसकी वायु रक्षा को दबाने में विफल रहा है.
29 अप्रैल को रूस ने यह बयान जारी किया कि उसने Kalibr क्रूज मिसाइलों की मदद से यूक्रेनी सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए काला सागर में अपने एक डीजल पनडुब्बी का इस्तेमाल किया. रूस-यूक्रेन में यह पहली बार था जब मास्को ने यह स्वीकार किया कि उसने यूक्रेन पर हमले के लिए अपने पनडुब्बी बेड़े का उपयोग किया.
कई वॉर एक्सपर्ट्स उम्मीद लगा रहे थे कि 9 मई, विजय दिवस को रूस आधिकारिक तौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर सकता है. और इस मौके पर मास्को में सैन्य परेड के भाषण में पुतिन मारियुपोल या यूक्रेन के अन्य जगहों पर जीत का दावा कर सकते हैं. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
13 मई तक रूसी सेना के डोनबास क्षेत्र के आक्रामक में कमजोरियां दिखने लगीं. इस बीच यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर, Kharkiv के बाहरी इलाके से रूसी सेना को भारी बमबारी के कारण वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
17 मई को आखिरकार मारियुपोल के Azovstal steelworks को डिफेंड कर रहे यूक्रेनी सैनिकों ने सरेंडर कर दिया. रूसी सेना उन्हें बसों में लाद का ले गयी. इस दिन यूक्रेन ने उम्मीद जताई कि यूक्रेनी सैनिक कैदियों की अदला-बदली के हिस्से के रूप में लौटेंगे, हालांकि कुछ रूसी अधिकारियों का कहना था कि यूक्रेनी सैनिकों पर मुकदमा चलाया जा सकता है.
18 मई को युद्ध अपराध के पहले मुकदमे में 21 वर्षीय रूसी कमांडर Vadim Shysimarin ने अपना गुनाह कबूल लिया.
20 मई को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के पूर्वी डोनबास क्षेत्र को रूसी सेनाओं ने "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया है. इसी दिन जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि यूक्रेन के लिए यूरोपीय यूनियन की सदस्यता के लिए "कोई शॉर्टकट नहीं" हो सकता है. वह यूक्रेन के EU में फास्ट-ट्रैक सदस्यता की उम्मीद को खत्म करने वाले दूसरे यूरोपीय यूनियन के नेता बने.
23 मई को राजधानी कीव की एक अदालत ने युद्ध अपराध के पहले मुकदमे में 21 वर्षीय रूसी कमांडर Vadim Shysimarin को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
जैसे-जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध का 100वां दिन नजदीक आ रहा था, यूक्रेन की सेनाएं पूर्वी सीमा पर सैन्य दबाव महसूस कर रही थी. रूस ने अपने अगले टारगेट के रूप में यूक्रेनी शहर Sievierodonetsk की पहचान की है और वह इस शहर को घेरने के लिए आगे बढ़ रही है.
2 मई को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस वर्तमान में यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत क्षेत्र पर कब्जा कर चुका है.
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