advertisement
एक समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया का सबसे बड़ा और चर्चित नाम सैम बैंकमैन फ्रीड (Sam Bankman Fried), जो क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के मालिक थे. महज 30 साल की उम्र में दुनिया के टॉप अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हुए थे, जिन्हें कोई किंग ऑफ क्रिप्टो, कोई क्रिप्टो का गोल्डन बॉय, कोई क्रिप्टो मोगल कहता था तो कभी उनकी तुलना वॉरेन बफे से की गई तो कभी उन्हें मॉर्डन डे का जेपी मॉर्गन बताया गया. लेकिन अब सैम शोहरत खो चुके हैं. उन्हें अमेरिका की अदालत ने फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया और उन्हें 25 साल की सजा सुनाई
यहां आपको बताएंगे सैम बैंकमैन फ्रीड कौन हैं? उनकी कंपनी क्या करती थी? वो अमीर कैसे बने? उन्होंने सबकुछ कैसे खो दिया? और उन्हें सजा किस मामले में हुई है? और ये फ्रॉड कितना बड़ा है?
अमेरिका के कैलिफॉर्निया में में जन्मे सैम बैंकमैन फ्रीड बचपन से ही तेज दिमाग के हैं, खासकर मैथ्स में. इनके माता-पिता लॉ प्रोफेसर्स रहे हैं. सैम ने उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया. बाद में कई ट्रेडिंग कंपनियों में काम किया. वॉल स्ट्रीट में ब्रोकर का भी काम किया. फिर 2017 में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखा था.
2017 में उन्होंने 'क्रिप्टो हेज फंड के लिए एलमीडा रिसर्च' नाम की कंपनी बनाई, जो एक समय में सैम को हर दिन 1 मिलियन डॉलर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करके दे रही थी. फिर 2019 में सैम बैंकमैन ने हॉन्ग कॉन्ग में FTX नाम की कंपनी बनाई, जिसने उनके जीवन को ही बदल डाला.
FTX एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है. जहां बिटकॉइन, ईथीरियम जैसे क्रिप्टोकरेंसी को बेचा और खरीदा जाता था. एक्सचेंज पर खरीदार और बिकवाल अपना पैसा भी जमा करके रख सकते थे.
FTX अधिकारी ने बताया था कि जब FTX अपने चरम पर पहुंचा, तब हर दिन 10-15 बिलियन डॉलर का ट्रेड हर दिन FTX पर होता था. यानी 83 हजार करोड़ से 1 लाख करोड़ का ट्रेड. FTX दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया था.
2022 तक कंपनी की चांदी थी. 2022 की शुरुआत में कंपनी की वैल्यूएशन 32 बिलियन डॉलर की थी. यानी अगर इस कंपनी को कोई खरीदने जाए तो उसे 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे देने होंगे.
फिर एक जांच रिपोर्ट आई और सबकुछ बदल गया. न्यूज वेबसाइट कॉइनडेस्क ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति जोखिमों से भरी है और FTX के कस्टमर्स के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है.
फिर क्या था, पैनिक जैसी स्थिति बनी. FTX के अकाउंट से लोग अपने पैसे निकालने लगे. कई कस्टमर्स ने देखा कि उनके अकाउंट में उनका पैसा थी ही नहीं. इस बीच FTX से विड्रॉल पर रोक लगा दी गई, कस्टमर्स का कुल 8 बिलियन डॉलर्स यानी 66 हजार करोड़ रुपये फंस गए.
सैम के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ और दिसंबर 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
साल 2023 में अमेरिका की न्यूयॉर्क अदालत ने उन्हें धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश सहित आरोपों में दोषी ठहराया था. जांच में पाया गया कि उन्होंने FTX में कस्टमर्स के जमा 66 हजार करोड़ रुपये निकाले और उन पैसे का इस्तेमाल लग्जरी लाइफ जीने के लिए किया, संपत्ति खरीदने के लिए किया, राजनीतिक डोनेशन देने के लिए किया और बचे हुए पैसों को निवेश कर दिया. ये अरबों रुपये की चोरी की थी.
मार्च 2024 में अदालत ने सैम को 25 साल जेल की सजा सुनाई. अदालत से मांग की गई थी कि सैम को कम से कम 40-50 साल की जेल हो.
जज ने कहा कि "वो जानता था कि ये गलत है, वो जानता था कि ये आपराधिक है. उसे पछतावा है कि उसने एक तरह से जुआ खेला. वो गलत साबित हुआ लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं करेगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined