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सऊदी अरब की राजशाही के रुख में अबतक का सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि इजरायल को अपनी जमीन रखने का अधिकार है. ये खास इसलिए भी है क्योंकि सऊदी अरब और इजरायल के बीच अब भी कोई औपचारिक राजनयिक रिश्ते नहीं हैं, लेकिन बीते कुछ सालों में दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे रिश्तों में सुधार हुआ है.
ऐसे में दोनों देशों की कुछ न कुछ जरूरतें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल का संघर्ष, तकरार सुलझाने में बाधा का काम करता है लेकिन सऊदी अरब अब भी संप्रभुता के उनके दावे का समर्थन करता है. लेकिन अब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी समाचार पत्रिका‘ द अटलांटिक' के चीफ एडिटर से बातचीत में इजरायल की जमीन के दावे को बराबरी पर रखते हुए नजर आए. जेफरी गोल्डबर्ग ने शहजादे से पूछा, ‘‘ क्या यहूदी लोगों को अपने पूर्वजों की भूमि के कम से कम एक हिस्से में एक राष्ट्र का अधिकार है?'' तीन हफ्ते के दौरे पर अमेरिका आए शहजादे ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि हर शख्स चाहे वह कहीं भी हो, उसे अपने शांतिपूर्ण देश में जीवन जीने का अधिकार है.'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि फिलिस्तीनियों और इस्राइलियों को अपनी जमीन रखने का अधिकार है.'' शहजादे ने कहा, ‘‘ लेकिन हमें सभी की स्थिरता और सामान्य रिश्ते सुनिश्चित करने के लिए शांति समझौता करना होगा.''
1948 से लेकर अब तक यरुशलम को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल के बीच विवाद चल रहा है. साथ ही यूनाइटेड नेशन से लेकर दुनिया के ज्यादातर देश पूरे यरुशलम पर इजरायल के दावे को मान्यता नहीं देते हैं. वहीं दोनों ही देश इजरायल को अपनी राजधानी मानते हैं.
साल 1980 में इजरायल ने यरुशलम को अपनी राजधानी बनाने का ऐलान किया था. लेकिन यूनाइटेड नेशन ने इस का विरोध किया और यरुशलम पर इजरायल के कब्जे की निंदा की थी. जिसके बाद से यरुशलम को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल लगतार एक दूसरे के आमने-सामने है.
(इनपुट: पीटीआई)
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