advertisement
लंदन से सिंगापुर जा रही सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) 'बोइंग 777' को 21 मई, मंगलवार को भयानक एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) का सामना करना पड़ा. टर्बुलेंस के चलते फ्लाइट को बैंकॉक (Bangkok) में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. इस घटना में एक यात्री की मौत हो गई और 79 लोग घायल हुए. घटना के बाद एक बार फिर एयर टर्बुलेंस को लेकर चिंताएं सामने आ रही हैं.
चलिए आपको बताते हैं कि एयर टर्बुलेंस क्या है और जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) ने इसकी भयावहता को कैसे और हवा दी है.
फ्लाइट में यात्रा करते वक्त लोगों को अक्सर 'टर्बुलेंस' यानी कि झटका महसूस होते हैं. टर्बुलेंस के दौरान प्लेन अचानक झटका खाने लगती है और हवा में हिलने लगती है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि टर्बुलेंस खराब मौसम या तूफान के वजह से होता है लेकिन असल में सबसे ज्यादा खतरनाक टर्बुलेंस तब होता है जब मौसम साफ हो और किसी भी तरीके के खतरे का कोई संकेत ना हो.
साफ हवा के दौरान टर्बुलेंस जेट स्ट्रीम (Jet Stream) के आसपास होती है. अधिक ऊंचाई पर हवा की दो धाराएं जब एक दूसरे के पास अलग-अलग रफ्तार से बहती हैं तो इन्हें जेट स्ट्रीम कहते हैं. दोनों धाराओं के रफ्तार में जब बड़ा अंतर आ जाए यानी एक बेहद तेज और एक बेहद धीमी गति से बहने लगे तो वातावरण इसका दबाव संभाल नहीं पाता और जेट स्ट्रीम में फ्रिक्शन पैदा होता है. उड़ान के दौरान जब विमान इस फ्रिक्शन से टकराती है तो प्लेन में एयर टर्बुलेंस पैदा होता है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर बढ़ता जलवायु परिवर्तन (Climate Change) बढ़ते टर्बुलेंस का कारक बन रहा है. मामले पर शोध कर रहे विशेषज्ञों ने भी बीते दशकों में साफ हवा में टर्बुलेंस के मामलों में खासी बढ़ोतरी का जिक्र किया है.
टर्बुलेंस की अब तक हुई घटनाओं में जान माल का खतरा मामूली रहा है लेकिन किसी स्थिती में यह काफी भयानक हो सकता है. एयरलाइंस कंपनियों ने दुर्घटनाओं को रोकने और कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए हैं. लेकिन फिर भी विशेषज्ञों की राय है कि यात्रियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
अगर आप विमान में यात्रा करते हैं तो टर्बुलेंस के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं. यात्रा के दौरान कोई भी भारी वस्तु बाहर ना रखें. सीट बेल्ट से हमेशा खुद को बांध के रखें क्योंकि टर्बुलेंस अचानक आता है और तब संभलने का मौका शायद आपको ना मिले.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)