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श्रीलंका (Sri Lanka) के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने शपथ लेने के बाद आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. शुक्रवार तड़के श्रीलंकाई सेना ने आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के पास गॉल फेस में पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ दिए. वहां लगे बैरिकेड्स भी हटा दिए, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया.
जानकारी के मुताबिक हथियार से लैस जवान बीती रात करीब 2 बजे प्रेसिडेंशियल सेक्रेटेरिएट की मेन गेट पर पहुंचे और आंदोलनकारियों द्वारा लगाए गए बैरिकेंडिग को हटाने लगे. गौरतलब है कि रानिल विक्रमसिंघे के बतौर राष्ट्रपति शपथ लेने के बाद आंदोलनकारियों ने पहले ही एलान कर दिया था कि वो शुक्रवार की दोपहर तक इलाके को खाली कर देंगे.
विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा (Sajith Premdasa) ने इस कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया," शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक कायरतापूर्ण हमला, जो आज इस जगह को खाली करने पर सहमत थे." इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को झटका लगा है.
श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराने के बाद पिछले 105 दिनों से राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन चल रहा है. आपको बता दें कि 9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद उन्हें वहां से भागना पड़ा था. इसके साथ ही राष्ट्रपति पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था.
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