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China-Taiwan Clash:चीन की ताइवान पर हमले की मॉक ड्रिल,दूसरे दिन तैनात किए 58 जेट

China Taiwan Border Tension: ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अमेरिका यात्रा के बाद से चीन बिफरा पड़ा है.

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दुनिया
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<div class="paragraphs"><p>चीन ताइवान और राष्ट्रपति शी जिनपिंग</p></div>
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चीन ताइवान और राष्ट्रपति शी जिनपिंग

(फोटो- Altered By Quint Hindi)

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China Taiwan Border Tension: ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) की अमेरिका यात्रा के बाद से चीन बिफरा पड़ा है. चीन ने रविवार, 9 अप्रैल को ताइवान से लगे समुद्री बॉर्डर पर लगातार दूसरे दिन सैन्य अभ्यास (China military drills) किया है. इतना ही नहीं चीन ने अपने सैन्य अभ्यास के रूप में ताइवान और उसके आसपास के समुद्र में मौजूद प्रमुख लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए मॉक ड्रिल प्रैक्टिस की है.

चीन यह सैन्य अभ्यास उस समय कर रहा है जब अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने चीन से आग्रह किया है कि वह कैलिफोर्निया में हुई ताइवानी राष्ट्रपति की बैठक पर ओवररियेक्ट न करे.

चीन ने ताइवान की ओर दर्जनों युद्धक विमान भेजे

चीन ने दूसरे दिन सैन्य अभ्यास के लिए ताइवान की ओर दर्जनों युद्धक विमान भेजे हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह चीन के मिसाइल बलों की गतिविधियों पर नजर रख रहा है. अमेरिका ने कहा कि वह भी अलर्ट पर है.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने रविवार सुबह ताइवान के वायु क्षेत्र में लड़ाकू जेट, टोही विमान और ईंधन भरने वाले विमान सहित 58 युद्धक विमान भेजे हैं.

इससे एक दिन पहले पहले ताइवान ने कहा था कि कम से कम 71 चीनी जेट विमानों ने शनिवार को द्वीप के चारों ओर उड़ान भरी थी.

ताइवान के मंत्रालय ने कहा कि चीन के इस गतिविधि ने हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता का गंभीर उल्लंघन किया है, और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्थाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. ताइवान ने अन्य देशों से चीन के कार्यों के खिलाफ बोलने का आग्रह किया है.

अमेरिका ने चीन को संयम बनाए रखने को कहा 

अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने चीन से राष्ट्रपति त्साई की अमेरिकी यात्रा का फायदा नहीं उठाने का आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने चीन से इस मामले में संयम बनाए रखने और यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं करने की बात कही है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका "बीजिंग के एक्शन्स की बारीकी से निगरानी कर रहा है" और जोर देकर कहा कि अमेरिका के पास "क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन और क्षमताएं हैं".

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1949 से एक देश के रूप में ताइवान की स्थिति अस्पष्ट है. इसी साल चीनी गृह युद्ध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में हो गया और देश की पुरानी सत्ताधारी सरकार पीछे हटकर ताइवान द्वीप पर आ गई. तब से ताइवान ने अपने स्वयं के संविधान और नेताओं के साथ खुद को एक संप्रभु देश करार दिया है. हालांकि चीन इसे एक टूटे हुए प्रांत के रूप में देखता है जिसे मानता है कि अंततः यह बीजिंग के नियंत्रण में लाया जाएगा - यदि आवश्यक हो तो बल की मदद से.

अमेरिका ने साल 1979 में बीजिंग का पक्ष लेते हुए ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे. इसके बावजूद ताइवान को अपनी रक्षा के साधन प्रदान करना अमेरिका की कानून बाध्यता है.

दूसरी तरफ चीन का कहना है कि ताइवान अमेरिका और चीन के संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है, और यह विषय लगातार तनाव का स्रोत है.

चीन ने पिछले तीन वर्षों में ताइवान के खिलाफ अपने सैन्य दबाव को बढ़ा दिया है, ताइवान के आसपास नियमित मिशन चला रहा है. अगस्त 2022 में, तत्कालीन यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी द्वारा ताइवान की यात्रा के बाद, चीन ने ताइवान के चारों ओर घेराबंदी की थी. इसमें मिसाइलों को द्वीप के करीब पानी में दागना शामिल था.

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