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अफगानिस्तान (Afghanistan) में जर्मनी के एम्बेसडर मार्कस पोट्जेल ने 25 अगस्त को बताया कि अमेरिकी निकासी की डेडलाइन के बाद भी तालिबान (Taliban) अफगानों को देश छोड़ने देगा. पोट्जेल का कहना है कि अफगानिस्तान छोड़ने के लिए सही दस्तावेज रखने वाले अफगान लोगों को तालिबान ने 31 अगस्त के बाद भी देश छोड़ने की इजाजत दी है.
मार्कस ने ट्वीट किया, "डायरेक्टर स्तानिकजई ने मुझे आश्वासन दिया है कि वैध दस्तावेज रखने वाले अफगान लोगों को 31 अगस्त के बाद भी कमर्शियल उड़ानों में यात्रा करने का मौका मिलता रहेगा."
मार्कस पोट्जेल ने बताया कि उन्होंने तालिबान नेता से अफगानिस्तान में राजनयिक और NGO मौजूदगी के लिए काबुल एयरपोर्ट के सुचारु संचालन की जरूरत पर बातचीत की.
राजदूत ने कहा कि जर्मनी ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के जरिए अफगान लोगों के लिए मानवीय मदद बढ़ाने का वादा किया है.
मार्कस ने कहा, "विकास सहयोग को दोबारा शुरू करना परिस्थितियों पर निर्भर करेगा, जैसा कि पिछली अफगान सरकार में भी होता था."
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि जी-7 के नेता इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान के अधिग्रहण के बाद युद्धग्रस्त देश में मौजूदा स्थिति के बीच अफगान लोगों की मदद करना उनका सामूहिक नैतिक कर्तव्य है. वॉन डेर लेयेन ने 24 अगस्त को जी-7 नेताओं की एक बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम सभी सहमत थे कि अफगान लोगों की मदद करना और जितना संभव हो सके उतना समर्थन देना हमारा नैतिक कर्तव्य है."
लेयेन ने कहा कि आयोग यूरोपीय संघ (ईयू) के बजट से आने वाली मानवीय सहायता को वर्ष 2021 के लिए "200 मिलियन यूरो (23.6 करोड़ डॉलर) से अधिक करने का प्रस्ताव रखेगा. इससे अफगानिस्तान में अफगानों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी."
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