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तालिबान (Taliban) के सहयोगी संगठन हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) ने कश्मीर में 'हस्तक्षेप' से साफ इनकार कर दिया है. हक्कानी नेटवर्क ने कश्मीर (Kashmir) को अपने 'अधिकारक्षेत्र' से बाहर बताया और कहा कि क्षेत्र में 'हस्तक्षेप' तालिबान की नीतियों के खिलाफ होगा. नेटवर्क के बड़े नेता अनस हक्कानी (Anas Haqqani) ने CNN-News18 के साथ एक इंटरव्यू में कश्मीर पर अपनी स्थिति साफ की.
अनस हक्कानी ने कहा कि अफगानिस्तान का नया शासन 'भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है.' साथ ही अनस ने कहा, "हम सब भूलकर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं."
अनस हक्कानी ने कहा है कि जैसे उनका संगठन कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करेगा, वैसी ही हक्कानी नेटवर्क उम्मीद करेगा कि दूसरे भी अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करेंगे.
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देने की खबरों को अनस ने 'प्रोपेगेंडा'बताया. हक्कानी ने कश्मीर और पाकिस्तान से दूरी बनाई.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा पर बात करते हुए अनस हक्कानी ने कहा कि 'देश में सब लोग सुरक्षित हैं.' हक्कानी ने कहा, "अफगानिस्तान में वापसी के बाद से ही तालिबान ने साबित किया है कि वो हर किसी को साथ लेकर चलेगा. शुरुआत में कुछ डर था लेकिन अब चीजें सामान्य हो गई हैं और लोग खुश हैं. अफगान सिख और हिंदू देश के बाकी समुदायों की तरह ही हैं और वहां खुश रहेंगे."
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