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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरों के अनुसार, तालिबान (Taliban) ने 1990 के दशक में अफगानिस्तान (Afghanistan) के गृहयुद्ध के दौरान उसके खिलाफ लड़ने वाले हजारा नेता, अब्दुल अली मजारी (Abdul Ali Mazari) की मूर्ति को धमाके में उड़ा दिया है.
शिया मिलिशिया नेता अब्दुल अली मजारी को 1996 में तालिबान ने उस समय मारा था जब इस्लामिक आतंकवादियों ने प्रतिद्वंद्वी सरदारों से सत्ता हथिया ली थी.अब्दुल अली मजारी अफगानिस्तान के हजारा अल्पसंख्यक, शियाओं के लिए एक चैंपियन नेता थे, जिन्हें सुन्नी बहुल तालिबान के पहले शासन के दौरान सताया गया था.
अब्दुल अली मजारी की यह मूर्ति मध्य बामियान प्रांत में खड़ी थी. यहीं पर तालिबान ने अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण से कुछ समय पहले 2001 में बुद्ध की 1,500 साल पुरानी दो विशाल मूर्तियों को उड़ा दिया था. तालिबान ने दावा किया था कि बुद्ध ने मूर्तिपूजा पर इस्लाम के निषेध का उल्लंघन किया है.
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