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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के दो दिन बाद, तालिबान (Taliban in Afghanistan) ने आम माफी की घोषणा करते हुए अफगान सरकार के कर्मचारियों से राजधानी में सामान्य स्थिति वापस लाने के प्रयास में काम पर लौटने का आग्रह किया. तालिबान ने सभी से अपने सामान्य जीवन को विश्वास के साथ फिर से शुरू करने के लिए कहा है. तालिबान ने महिलाओं से भी सरकार में शामिल होने का भी आग्रह किया.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य, एनामुल्लाह समांगानी ने कहा, "इस्लामिक अमीरात नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित रहें. उन्हें शरिया कानून के मुताबिक, सरकार में होना चाहिए."
बिजनेसमैन साद मोहसेनी ने ट्विटर पर कुछ स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए बताया कि तालिबान के अब्दुल हक हमाद ने टोलो न्यूज की महिला न्यूज एंकर से बात की. मोहसेनी ने कहा कि दो दशक पहले, जब तालिबान सत्ता में था, तब ये सोचा भी नहीं जा सकता था.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया कि काबुल में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और शहर में कानून-व्यवस्था बहाल हो गई है. मुजाहिद ने दोहराया कि लोगों का जीवन और संपत्ति सुरक्षित है. मुजाहिद ने कहा कि तालिबान नेतृत्व ने अपने सदस्यों को आदेश दिया है और "एक बार फिर उन्हें निर्देश दिया है कि किसी को भी बिना अनुमति के किसी के घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. किसी के भी जीवन, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा."
तालिबान का ये बयान काबुल पर मची अफरा-तफरी के एक दिन बाद आया है. देश से निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई. अमेरिकी प्लेन पर चढ़ने की कोशिश में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. लोग सेना के प्लेन के लैंडिंग गियर पर लटकर जा रहे थे. गिरने से उनकी मौत हो गई.
जो बाइडेन ने अफगानिस्तान पर अपने संबोधन में कहा कि अमेरका का अफगानिस्तान में हित हमेशा से 'अमेरिकी धरती पर आतंकी हमला रोकना' रहा है और अमेरिकी मिशन पूरा हो चुका है. बाइडेन ने कहा कि वो अफगानिस्तान से सेना वापसी के फैसले पर आलोचना के लिए तैयार हैं. लेकिन साथ ही बाइडेन ने अफगान संकट के लिए दूसरों को भी जिम्मेदार ठहराया.
संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है. UN प्रुमख ने कहा कि दुनिया देख रही है और हमें अफगानिस्तान के लोगों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. UN प्रमुख ने कहा, "मैं सभी पार्टियों को मानवीय मदद देने की अपील करता हूं. मैं सभी देशों से अपील करता हूं कि वो शरणार्थियों को स्वीकार करें. मैं अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन से चिंतित हूं."
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