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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग की मुलाकात 12 जून को सिंगापुर में होनी है. इस मुलाकात की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. इस बीच ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि उत्तर कोरिया कुछ सकारात्मक कदम उठाएगा क्योंकि सिंगापुर शिखर सम्मेलन किम जोंग के लिए आखिरी मौका है. ट्रंप ने शनिवार को कनाडा में G7 सम्मेलन के दौरान ये बात कही.
ट्रंप का मानना है कि किम के साथ सिंगापुर में मुलाकात एक 'शांति का मिशन' है. हालांकि ट्रंप ने ये भी माना कि वह इस मुलाकात की सफलता को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये समित सफल होगी या नहीं, इस बात को वह एक मिनट के भीतर ही समझ जाएंगे.
सिंगापुर की छवि सख्त नियम और कानून वाले देश की है और शायद इसी लिए इसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिए चुना गया है.
कुछ मुख्य सड़कों पर ठोस अवरोधक और बटन दबाते ही जमीन से निकलने वाले मैकैनिकल मेटल बैरियर्स लगाए जा सकते हैं. यहां के नागरिकों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, मेट्रो में वर्दीधारी अधिकरियों की गश्त या हवाई अड्डों पर सशस्त्र सैनिकों की मौजूदगी आम बात है. क्योंकि सरकार ने अपने लोगों के दिलों दिमाग में यह बात गहराई से बैठा दी है कि दुनिया के अमीर तरीन स्थानों में शामिल सिंगापुर आंतकवादी हमलों के लिए मुख्य लक्ष्य हो सकती है.
संगीत अध्यापक जेनिस तान (28) ने एएफपी से कहा कि ये सुरक्षा व्यवस्था ‘‘बेहद असुविधाजनक'' हैं खासतौर पर सड़कों को बंद करने से असुविधा बढ़ गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वैश्विक शांति की चिंता है लेकिन अच्छा होता कि वे कहीं और बैठक करते.''
जिन स्थानों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें रिजॉट आइलैंड सेनटोसा शामिल है. यहीं दोनों नेता साथ मुलाकात करेंगे. इसके अलावा होटल शांग्री-ला की ओर जाने वाला रास्ता भी बंद रहेगा. ट्रंप के यहीं रूकने की उम्मीद है.
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