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UK: PM Liz Truss को 45 दिन में इस्तीफा क्यों देना पड़ा, क्या ऋषि सुनक आ रहे हैं ?

UK Political Crisis: ब्रिटेन में अगला पीएम कैसे चुना जायेगा? यहां जानिए पूरी प्रक्रिया

अजय कुमार पटेल
दुनिया
Updated:
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UK PM लिज ट्रस की कुर्सी इन दिनों संकट में दिखाई दे रही है.

(फोटो- अल्टर्ड बाय क्विंट)

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ब्रिटेन की प्रधान मंत्री लिज ट्रस (British Prime Minister Liz Truss) ने 45 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद गुरुवार, 20 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया. एक ब्रिटिश प्रधान मंत्री के रूप में यह सबसे छोटा कार्यकाल रहा. यानी स्थिती यह है कि ब्रिटेन लगातार राजनीतिक घमासान से जूझ रहा है और देश में बनता हर नया प्रधानमंत्री स्थिरता देने में नाकाम नजर आ रहा है. लिज ट्रस के इस्तीफे के साथ ब्रिटेन में फिर से नए पीएम की खोज शुरू हो जाएगी. नए पीएम की नियुक्ति तक लिज ट्रस अपने पद पर बनी रहेंगी.

ऐसे में एक बार फिर ऋषि सुनक के नाम की चर्चा होने लगी है क्योंकि हालिया चुनाव में पीएम की दौड़ में आखिरी तक बने रहे थे. आइए जानते हैं पीएम की कुर्सी पर खतरा कैसे आया?

UK Political Crisis: पीएम की कुर्सी पर खतरा कैसे आया?

कुछ महीने पहले जब ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने थे तब लिज ट्रस ने अपने कैंपेन के दौरान टैक्स कटौती को लेकर कई सारी बातें कही थीं, उन्होंने जो वादे किए थे उससे अब पलट रही हैं. ट्रस सरकार ने जो मिनी बजट पेश किया था, उसकी वजह से ब्रिटिश मुद्रा पाउंड में भारी गिरावट देखने को मिली, इसके साथ ही सरकारी ऋण ब्याज दरों में वृद्धि हुई. इसे अमीरों के पक्ष में बताया गया.

बढ़ते बवाल और दबाव के बीच पीएम ट्रस ने अपने वित्तमंत्री क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त कर दिया और फिर अपना ही फैसला पलट दिया. जिसका जनता में और भी ज्यादा गलत संदेश गया. क्वासी 1970 के बाद से अब तक के सबसे कम दिनों तक वित्त मंत्री का पद संभालने वाले नेता हैं. उनकी जगह नया वित्त मंत्री ऐसे समय पर आया जब देश कॉस्ट ऑफ लिविंग (आसान शब्दों में महंगाई) की समस्या से जूझ रहा है.

ट्रस सरकार की इन योजनाओं का पार्टी के सदस्यों में ही काफी विरोध हुआ. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सांसद चाहते थे कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा लेकर आम लोगों के बीच जाना चाहिए.

वहीं डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश सांसदों ने प्रधानमंत्री लिज ट्रस को हटाने की कोशिश शुरू कर दी थी. इस अखबार ने अनाम स्रोतों के हवाले से बताया कि गवर्निंग कंजरवेटिव पार्टी के 100 से अधिक संसद सदस्य यानी सांसद अविश्वास पत्र कंजरवेटिव पार्टी की कमेटी के प्रमुख ग्राहम ब्रैडी को सौंपने के लिए तैयार थे. स्थिती तब और बिगड़ी जब होम सेक्रेटरी सुएला ब्रेवरमैन को 19 अक्टूबर को बर्खास्त कर दिया गया. इसके एक दिन बाद खुद ट्रस ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी.

UK Political Crisis: अगर ट्रस खुद इस्तीफा नहीं देतीं तो ब्रिटेन में क्या होता? 

ब्रिटेन की राजनीति में जो उथल-पुथल मचा हुआ था, एक्सपर्ट्स का मानना था कि उसके कई परिणाम देखने को मिल सकते थे. हो सकता था कि अगर पीएम खुद इस्तीफा नहीं देतीं तो उन्हें हटाने का प्रयास किया जा सकता था, पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव देखने को मिल सकता था.

1. वरिष्ठ मंत्री उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दें

उनके मंत्रिमंडल (शीर्ष टीम) के वरिष्ठ सदस्य उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकते थे. ऐसा करने के लिए मंत्री एक-एक करके खुद का इस्तीफा दे देते और ट्रस का हाथ कमजोर कर देते. वित्त मंत्री और होम सेक्रेटरी पहले ही हटाए जा चुके थे, ऐसे में अगर आगे ट्रस की टीम के वरिष्ठ सदस्य पद छोड़ देते, तो पीएम का समर्थन कमजोर हो जाता और वे इस्तीफा सौंपने को मजबूत हो जाती.

2. कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों के बीच कॉन्फिडेंस वोटिंग

पार्टी लीडर और पीएम के पद से लिज ट्रस को हटाने का एक सिस्टम कॉन्फिडेंस वोटिंग यानी विश्वास मत का भी था. लेकिन यहां देरी हो सकती थी, क्योंकि पिछले महीने ही ट्रस पीएम बनी थीं ऐसे में वर्तमान नियमों के अनुसार इस तरह की वोटिंग सितंबर 2023 तक नहीं हो सकती है.

कंजर्वेटिव सांसदों की 1922 कमेटी, जो एक पार्टी लीडर को चुनने और बदलने के लिए नियम निर्धारित करती है, वह पार्टी के भीतर से पर्याप्त दबाव होने पर उस प्रतिबंध को हटा सकती है.

मौजूदा नियमों के अनुसार अगर पार्टी लीडर के खिलाफ कॉन्फिडेंस वोटिंग करानी है तो कंजरवेटिव पार्टी के 356 सांसदों में से 15% को विश्वास मत का अनुरोध करते हुए 1922 कमेटी के अध्यक्ष को एक पत्र लिखना होगा.

बागियों को एक साल इंतजार करना होगा, यह कहते हुए इस कमेटी के सचिव बॉब ब्लैकमैन ने द टेलीग्राफ को बताया कि सहयोगियों को आपस में लड़ना छोड़ देना चाहिए और इसके बजाय विपक्षी लेबर पार्टी का सामना करना चाहिए.

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3. संसद में सभी सांसदों के बीच कॉन्फिडेंस वोट

विपक्षी पार्टी द्वारा सरकार में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. यदि कंजरवेटिव पार्टी के पर्याप्त बागियों ने विपक्ष का साथ और इसकी वजह से सरकार हार गई तो ब्रिटिश पीएम से इस्तीफा देने या संसद को भंग करने का अनुरोध किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप चुनाव होगा.

हालांकि इसके पहले जब कंजर्वेटिव सदस्यों ने अपने नेताओं को बाहर करने की मांग की थी तब उन्होंने चुनाव से बचने के लिए विपक्षी लेबर पार्टी के खिलाफ ऐसे विश्वास मतों में वोटिंग की थी.

4. ट्रस खुद आम चुनाव का प्रस्ताव रख देतीं

ट्रस खुद आम चुनाव (general election) का आह्वान कर सकती थीं. लेकिन चुनाव में उनकी कंजरवेटिव पार्टी जिस तरह लेबर पार्टी से पीछे थी, उसे देखते उन्हें तब तक उसे ऐसा करने की आवश्यकता नहीं थी, जब तक कि वह कॉमन्स में विश्वास मत (कॉन्फिडेंस वोट) नहीं खो देती हैं.

UK: जानिए अगला पीएम कैसे चुना जायेगा ?

  • अब की जब ट्रस ने इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में 1922 कमेटी की देख-रेख में नए लीडर के चयन की प्रक्रिया की जाएगी.

  • इस साल के और 2019 के पिछले लीडरशिप इलेक्शन में सांसदों ने खुद को आगे रखा था. लीडर के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक निश्चित संख्या की आवश्यकता होती है. जो उम्मीदरवार होते हैं वे मतदान में लगातार आगे चलकर छंटते-छंटते जाते हैं और आखिर में दो सांसद बचते हैं.

    आखिर में जो दो सांसद बचते हैं उनमें से पार्टी लीडर चुनने के लिए आमतौर पर पार्टी के सदस्य वोटिंग करते हैं.

  • हालांकि कुछ लोग चाहते हैं कि किसी भी रिप्लेसमेंट को एक अलग तरीके से चुना जाए क्योंकि उस प्रक्रिया में देरी हुई थी, जिससे अस्थिरता पैदा हुई और ट्रस में एक नेता को अपने प्रतिद्वंद्वी ऋषि सुनक की तुलना में सांसदों के बीच कम समर्थन मिला.

  • कुछ लोगों ने यह सिफारिश की है कि यूनिटी को सपोर्ट करते हुए नॉमिनेशन्स की बाधा को इतना ऊंचा कर दिया कि केवल एक उम्मीदवार ही बैलेट पर हो सके. हालांकि, कुछ अन्य लोगों ने आगाह किया है कि इस तरह से ट्रस को बदलना अलोकतांत्रिक होगा.

  • 2016 में लीडशिप की दौड़ सैद्धांतिक रूप से 2019 और 2022 की तरह ही स्ट्रक्चर्ड थी. लेकिन लीडर के लिए थेरेसा मे की प्रतिद्वंद्वी एंड्रिया लेडसम को सदस्यों के मतदान से पहले नाम वापस लेने के लिए राजी कर लिया गया था जिसके परिणामस्वरूप बिना सदस्यता चुनाव के थेरेसा मे प्रधान मंत्री बन गईं और प्रक्रिया में तेज आ गई.

UK Political Crisis: फिर ऋषि सुनक की चर्चा, क्या कहता है सर्वे? अगला PM कौन?

ब्रिटेन में चल रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच जहां एक ओर महीने भर पहले प्रधान मंत्री की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक चुप्पी साधे हुए हैं वहीं दूसरी ओर अब एक बार फिर ब्रिटिश पीएम के लिए हर जगह उनके नाम का शोर बढ़ गया है.

सट्टा मार्केट ने भी ट्रस सरकार गिरने की आशंका जताई थी. ब्रिटेन में सटोरियों का भी मानना है कि सुनक अगले पीएम बन सकते हैं. ऐसे में नए पीएम की दौड़ में ऋषि सुनक की दावेदारी एक बार फिर मजबूत हो गई है.  ‘ऑड्सचेकर' सट्टेबाजों के ‘ऑड्स एग्रीगेटर' ने दिखाया कि ट्रस की जगह लेने के लिए सबसे पसंदीदा की दौड़ में सुनक सबसे आगे हैं.

लीडरशिप के लिए पहले स्टेज की जो वोटिंग हुई थी उसमें ऋषि सुनक को वोटिंग करने वाले 250 सांसदों में से 137 सांसदों का समर्थन मिला था. जबकि ट्रस के 113 सांसद ही समर्थक थे.

वहीं ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस को पीएम पद के नए उम्मीदवार के रूप में एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है. इसके अलावा जॉनसन द्वारा अपनी संभावित वापसी की कोशिश करने की संभावना से इंकार नहीं किया गया है.

yougov.co.uk के एक सर्वे में पूछा गया था कि "क्या आपको लगता है कि लिज ट्रस को पीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें पद पर बने रहना चाहिए."

इसके जबाव में 59 फीसदी लोगों का कहना था कि ट्रस को इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं महज 19 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए. 22 ने अपने जवाब में कहा उन्हें पता नहीं.

क्या आपको लगता है कि लिज ट्रस को पीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें पद पर बने रहना चाहिए?

स्क्रीनशॉट : https://yougov.co.uk

yougov.co.uk के एक पोल के मुताबिक, हाल में हुए चुनाव में हिस्सा लेने वाले 62 फीसदी वोटर्स का मानना था कि ब्रिटिश पीएम के रूप में लिज ट्रस को चुनकर उन्होंने गलत फैसला किया है. हालांकि 16 प्रतिशत वोटर्स अब भी ये मानते हैं कि उन्होंने लिज ट्रस को पीएम चुनकर सही निर्णय लिया है.

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Published: 18 Oct 2022,11:19 AM IST

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