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रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) में जारी यूद्ध के बीच दोनों देश 5 दौर से ज्यादा की बैठकें (Peace Talks) कर चुके हैं. सोमवार से ये मीटिंग डिजिटल माध्यमों के जरिए लगातार जारी हैं और दोनों देशों के अधिकारियों की गुरूवार 17 मार्च को फिर एक बार चर्चा में भाग लेने की संभावना है.
इन सब प्रयासों का असर भी अब दिखने लगा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार की वार्ता के बाद कहा है कि रूस के साथ शांति वार्ता 'यथार्थवादी' लगने लगी है, हालांकि कीव के हक में कोई नतीजा निकल पाने में अभी कुछ समय लग सकता है.
यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल युद्धविराम, सैनिकों की वापसी और सुरक्षा गारंटी के लिए रूस पर दबाव बना रहा है. रूस ने अभी तक यूक्रेन के 10 सबसे बड़े शहरों में से किसी पर कब्जा नहीं किया है और कीव में अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि युद्ध उम्मीद से पहले खत्म हो सकता है. उनका कहना है कि मॉस्को की यूक्रेन में शक्ति का प्रयोग करके एक नई सरकार बनाने की कोशिश फेल होती दिख रही है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि वार्ता में प्रगति की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा, "काम मुश्किल है और मौजूदा स्थिति में बातचीत जारी रहना सकारात्मक है."
संभावित समझौते का संकेत देते हुए, जेलेंस्की ने पहले कहा था कि यूक्रेन पश्चिम से सुरक्षा गारंटी स्वीकार करने के लिए तैयार है. अब जेलेंसकी ने कहा कि "यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है. हम ये समझते हैं. हम पागल नहीं हैं. वर्षों से हम कथित खुले दरवाजे के बारे में सुन रहे हैं, लेकिन हमने अब यह भी सुना है कि हम प्रवेश नहीं कर सकते हैं."
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