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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 मई को अपने मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में रूस की जगह चेक गणराज्य को शामिल करने के पक्ष में मतदान किया. यूक्रेन पर हमले और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर UN ने रूस को निलंबित कर दिया था.
रूस का तीन साल के कार्यकाल का दूसरा साल चल रहा था. चेक गणराज्य परिषद में उस कार्यकाल को पूरा करेगा.
मानवाधिकार परिषद 12 मई को यूक्रेन पर एक विशेष सत्र आयोजित करने वाला है. इस विशेष सत्र को 'नया राजनीतिक शो' बताते हुए रूस ने कहा है कि वो इसमें भाग नहीं लेगा. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता Maria Zakharova ने कहा, "रूसी प्रतिनिधिमंडल एक असाधारण सत्र की आड़ में आयोजित इस नए राजनीतिक शो को अपनी उपस्थिति से वैध नहीं करेगा."
मानवाधिकार परिषद कानूनी रूप से बाध्यकारी फैसले नहीं ले सकता. हालांकि, इसके फैसलों में राजनीतिक भार होता है, और ये जांच को अधिकृत कर सकता है.
24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित कर दिया गया था. रूस पर अब तक कई प्रतिबंध लगा चुके अमेरिका ने इस निलंबन का नेतृत्व किया था.
महासभा द्वारा रूस को निलंबित करने के बाद, इसके डिप्टी अंबैस्डर Gennady Kuzmin ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को बताया कि रूस मतदान से पहले UN मानवाधिकार परिषद से हट गया था.
इससे पहले लीबिया को मानवाधिकार परिषद से निलंबित किया जा चुका है. तत्कालीन नेता मुअम्मर गद्दाफी के प्रति वफादार बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को लेकर 2011 में लीबिया क निलंबित कर दिया गया था.
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