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अमेरिकी सरकार ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में अगस्त में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले (Kabul drone attack) के लिए अमेरिकी सेना के किसी भी सदस्य को सजा नहीं देने का फैसला किया है. इस अमेरिकी ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 आम अफगानी नागरिक मारे गए थे.
पिछले महीने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की एक आंतरिक समीक्षा ने यह निष्कर्ष निकाला था कि अफगान राजधानी में 29 अगस्त की बमबारी ने “युद्ध के कानूनों” का उल्लंघन नहीं किया और 10 अफगानी नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार यह ड्रोन हमला कदाचार या आपराधिक लापरवाही के कारण नहीं हुआ था.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की दहशत के बीच 26 अगस्त को काबुल में हवाई अड्डे के पास एक आत्मघाती बम विस्फोट हुआ जिसमें 150 से अधिक अफगानों के साथ-साथ 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. इस आत्मघाती बम विस्फोट का दावा इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत, ISKP (ISIS-K) ने किया था.
हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें काबुल हवाई अड्डे पर पर इस्लामिक स्टेट के संभावित हमले की खुफिया जानकारी थी और एक उन्होंने ‘युद्ध सामग्री से लदी कार’ पर ड्रोन से एक मिसाइल लॉन्च की थी.
बाइडेन प्रशासन ने सितंबर में स्वीकार किया था कि ड्रोन हमले में आम नागरिक मारे गए थे. जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि यह "संभावना नहीं" है कि मारे गए लोग इस्लामिक स्टेट (खुरासान प्रांत), ISKP (ISIS-K) से जुड़े थे, जैसा कि मूल रूप से अमेरिकी सेना द्वारा दावा किया गया था.
यहां तक कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने व्यक्तिगत रूप से बमबारी के लिए माफी मांगी और हमले की "पूरी तरह से समीक्षा" करने का वादा किया था.
बाइडेन प्रशासन ने अक्टूबर में घोषणा कर बताया कि, अमेरिका हमले में मारे गए 10 लोगों के रिश्तेदारों को भुगतान करेगा, साथ ही पुनर्वास सहायता की पेशकश करेगा.
लेकिन 3 नवंबर को अमेरिकी वायु सेना के इंस्पेक्टर जनरल Sami Said ने कहा कि, बमबारी एक "ईमानदारी से की गई गलती" थी, जो खराब संचार सहित निष्पादन गलतियों की एक श्रृंखला के कारण हुई थी. "लेकिन ये आपराधिक आचरण, जानबूझ के किया आचरण, लापरवाही नहीं है"
AFP की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी ड्रोन हमले में मारी गई 3 साल की बेटी के पिता ने वाशिंगटन के फैसले पर गुस्सा व्यक्त किया कि किसी को भी ड्रोन अटैक के लिए दंडित नहीं किया जाएगा.
AFP द्वारा पूछे जाने पर कि क्या उनमें फैसले को लेकर गुस्सा है, तीन साल की बेटी मलिका और नौ अन्य रिश्तेदारों को खोने वाले 32 वर्षीय ऐमल अहमदी ने कहा "निश्चित रूप से ... क्या होगा यदि अमेरिका ने एक बच्चा खो दिया होता? क्या प्रतिक्रिया होती?"
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की तरफ से मुआवजा और जीवित परिवार के सदस्यों को स्थानांतरित करने में मदद के वादे पर अहमदी ने कहा कि परिवार को अब तक सीधे अमेरिकी सरकार या सेना की तरफ से कुछ भी खबर नहीं मिली है.
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