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कोरोना वायरस की मार झेल रहे अमेरिका के कई शहर अब हिंसा की आग में जल रहे हैं. अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों हुई मौत के बाद लोगों का गुस्सा पलिस पर फूटा. मिनिपोलिस शहर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अमेरिका के 16 राज्यों के 30 शहरों तक फैल गया हैं. हिंसक प्रदर्शनों की आंच व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों के जमा होने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुछ समय के लिए एक भूमिगत बंकर में ले जाया गया था.
वाशिंगटन डी.सी की मेयर मूरियल बोसर ने कहा कि मिनियापोलिस की पुलिस हिरासत में एक निहत्थे अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद व्हाइट हाउस के बाहर रविवार रात को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर वह शहरव्यापी कर्फ्यू लगा रही हैं.
वाशिंगटन डीसी के चीफ ऑफ पुलिस पीटर न्यूजहैम ने कहा, "मेट्रोपॉलिटन पुलिस डिपार्टमेंट ने शनिवार रात 17 लोगों को गिरफ्तार किया और विरोध-प्रदर्शन के दौरान 11 पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं.
बता दें कि एक अमेरिकी पुलिस ऑफिसर के ऊपर 46 साल के अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या करने का आरोप लगा है. मिनिपोलिस के पुलिस ऑफिसर ने अश्वेत नागरिक को पकड़ने के दौरान उसके गले पर अपना पैर रख दिया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. इसके बाद कई अमेरिकी शहरों में भेदभाव को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
गुस्साएं लोगों ने पूरे शहर में हंगामा किया बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई. यहीं नहीं जिस थाने के पुलिस पर जॉर्ज फ्लायड की हत्या का आरोप है, लोगों ने उस थाने में भी आग लगा दी. अमेरिका का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप ने भी कहा कि उन्होंने जॉर्ज फ्लायड के घरवालों से बात की है.
न्यूयॉर्क शहर के मेयर बिल डे ब्लासियो ने शहर में हिंसा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है. अमेरिका के कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है वहीं सैकड़ों लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
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