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US proposes major changes in H-1B Visa: H-1B वीजा प्रक्रिया में क्या बदलेगा, क्या नहीं ? जानिए पूरी बात...

द क्विंट
दुनिया
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<div class="paragraphs"><p><strong>H-1B Visa</strong></p></div>
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H-1B Visa

(फोटो:: द क्विंट)

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) एच-1बी वीजा (H-1B Visa) आवेदन प्रणाली में बदलाव की प्लान बना रहे है. मौजूदा एच-1बी वीजा प्रणाली के वजह से हजारों भारतीय को अमेरिका में नौकरी करने का सुनहरा अवसर मिला. अब नौकरी पाने के इच्छा में लाखों लोग इसे लेकर चिंता में है. आखिर एच-1बी वीजा में क्या बदलाव होगा. क्या प्रोसेस बदलने के बाद उन्हें अमेरिका में नौकरी करने का अवसर मिल पाएगा.आइए जानने की कोशिश करते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब.

H-1B वीजा क्या है?

अमेरिका कई तरह के वीजा ऑफर करता है, इन्हीं में से एक है H-1B वीजा. यह एक गैर-आप्रवासी (non-immigrant) वीजा है, जो अमेरिका में कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की परमीशन देता है. आमतौर पर नियोक्ता तीन से छह साल के लिए अमेरिकी नौकरी की भूमिका के लिए विदेशी नागरिकों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी वीजा प्रणाली का यूज करते हैं. एच-1बी वीजा धारक जिन्होंने अमेरिका में स्थायी निवासी दर्जे के लिए ग्रीन कार्ड प्रक्रिया शुरू कर दी है, वे आमतौर पर अनिश्चित काल के लिए कार्य वीजा को नया कर सकते हैं.

हर साल, अमेरिका 65,000 एच-1बी वीजा और उन आवेदकों को 20,000 से भी ज्यादा वीजा देता है, जिनके पास अमेरिकी संस्थान से मास्टर डिग्री या फिर उससे अधिक की डिग्री है. हर आवेदक को अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा. वहीं एच-1बी वीजा के लिए चुने जाने के लिए लॉटरी सिस्टम से गुजरना होगा.

यदि किसी आवेदक का चयन हो जाता है, तो नियोक्ता उसकी ओर से याचिका दायर करके प्रोसेस शुरू कर सकता है. टेक कंपनियां वर्तमान में सालाना हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा प्रोसेस का उपयोग करती हैं.

सौंदर्या बालासुब्रमणि ने क्या बताया?

एनडीटीवी के अनुसार जब एनडीटीवी ने एच-1बी वीजा प्रक्रिया में प्रस्तावित बदलावों पर अमेरिका स्थित लेखिका सौंदर्या बालासुब्रह्मणि से बात की. बालासुब्रह्मणि मास्टर डिग्री करने के लिए अमेरिका गई थी. इसके बाद उन्होंने एच-1बी वीजा और फिर ग्रीन कार्ड लेने की कठिन प्रोसेस को पार कर लिया है. अब उनकी अपनी कंपनी है और उनकी किताबें कानूनी आप्रवासन के चक्रव्यूह से बचने के लिए एक गाइड के रूप में काम करती हैं.

प्रस्तावित परिवर्तनों के बारे में बालासुब्रह्मणि ने कहा कि एक कर्मचारी अब कई एप्लीकेशन जमा नहीं कर सकता है, जैसा अब करता रहा है. इसका मतलब है कि हर किसी को एच-1बी में लॉटरी सिस्टम के जरिए बराबर मौका मिलेगा.

यह एक बड़ा बदलाव है. वहीं, संस्थापकों के लिए एक अच्छी खबर है.अब आप अपनी कंपनी के जरिए से एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वे इस दिशा में ढील देने जा रहे हैं कि नियोक्ता-कर्मचारी संबंध के रूप में क्या क्षमता है. इससे अधिक संस्थापकों को अमेरिका में अपनी कंपनियां बनाने के लिए एच-1बी का उपयोग करने की परमिशन मिलेगी.

उन्होंने कहा कि तीसरा प्रोसेस परिवर्तन एक कैप-मुक्त संगठन के रूप में अर्हता पाने वाले संगठन का आधुनिकीकरण है. इसका अर्थ है कि ऐसे संस्‍थानों को कर्मचारियों को लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रखने की जरुरी नहीं है. बालासुब्रह्मणि ने कहा, वे इस प्रक्रिया का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, इसलिए उम्मीद है कि एक कर्मचारी के रूप में आपके पास काम करने के लिए ज्यादा उपाय होंगे, जहां आपको लॉटरी के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं होगी.

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बालासुब्रमणि ने बताया क्या बताया?

बालासुब्रह्मणि ने बताया कि नियोक्ताओं के लिए बड़ा बदलाव यह है कि एक ही व्यक्ति के लिए कई अपलीकेशन डालने का कोशिश करके आप सिस्टम से खिलवाड़ नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव यह भी है कि अमेरिकी अधिकारियों के तरफ से साइट का दौरा करने की प्रोसेस को ठोस बनाया जाए. उन्होंने कहा,"वे आ सकते हैं और जांच कर सकते हैं कि आप एक वैध नियोक्ता हैं और आप केवल एच-1बी पर कर्मचारियों को अपॉइंटेड करने के लिए एक दिखावटी कंपनी स्थापना नहीं कर रहे हैं.

बालासुब्रह्मणि ने कहा कि अधिकारी विशेष कारोबार के रूप में क्या योग्यता रखते हैं, इसकी परिभाषा को भी कड़ा कर रहे हैं. जैसे कि आपके पास एक नौकरी है, एक ऐसी भूमिका जिसके लिए केवल सामान्य डिग्री की जरुरत होती है, लेकिन विशेष प्रशिक्षण की नहीं. तब आप उस नौकरी की रोल का उपयोग एच-1बी वीजा पर किसी कर्मचारी को अपॉइंटेड करने के लिए नहीं कर सकते.

बालासुब्रह्मणि ने बताया कि ये सभी बदलाव सिर्फ प्रस्ताव हैं. अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. यह प्रस्तावित होने के शुरुआती फेएज में है. प्रस्तावित नियम बाद में फीडबैक के लिए जनता किए जाएंगे. उन्होंने कहा की जनता अपने विचार बताएगी , होमलैंड सिक्योरिटी विभाग सभी इनपुट जमा करेगा और आखिरी फैसले पर पहुंचेगा. उम्मीद है कि 2024 के आखिरी में जब तक यह लागू नहीं बन जाता,यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा.

क्या नहीं बदला?

क्या नहीं बदल रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए बालासुब्रह्मणि ने कहा की जो नहीं बदल रहा,वो एच-1बी वीजा पर मौलिक सीमा है. 85,000 एच-1बी वीजा हैं जिन्हें हर साल अलग रखकर उसे जारी किया जाता है. यह नहीं चेंज हुआ है पिछले दो दशकों में. यह बदलने वाला नहीं है,लेकिन लॉटरी में आपकी संभावना बढ़ सकती हैं, क्योंकि हर किसी को उचित मौका मिलते और कोई गलत इस्तेमाल नहीं होगा.

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