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अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का शिकार TikTok होने जा रहा है. चीन की कंपनी बाइटडांस का ऐप TikTok शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है और अमेरिका में काफी पॉपुलर है. हालांकि, चीन की कंपनी होने की वजह से इस ऐप पर सवाल उठ रहे हैं. अमेरिकी सांसद और अधिकारी ये आरोप लगाते आए हैं कि TikTok चीन की इंटेलिजेंस के लिए 'काम' करता है. आखिरकार लंबे समय से चली आ रहीं अटकलों को विराम देते हुए अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया है कि वो TikTok को बैन करने जा रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जुलाई को कहा कि वो TikTok को बैन करने जा रहे हैं. फ्लोरिडा से लौट कर अपने आधिकारिक विमान एयर फोर्स वन में रिपोर्टर्स से ट्रंप ने कहा, "जहां तक TikTok की बात है, हम उसे अमेरिका से बैन करने जा रहे हैं. मेरे पास ये अथॉरिटी है."
ट्रंप ने कहा कि वो ऐसा इमरजेंसी इकनॉमिक पावर या एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए करेंगे और इसके लिए उन्होंने 1 अगस्त तक की डेडलाइन बताई है.
अमेरिकी नेता और अधिकारी TikTok की पैरेंट कंपनी बाइटडांस के चाइनीज होने की वजह से चिंता में हैं. अमेरिकी नेताओं का मानना है कि चीन की सरकार TikTok के जरिए अमेरिकी लोगों की जासूसी कर सकती है.
इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप से एक इंटरव्यू में जब पोम्पियो के इस बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी अमेरिका TikTok पर कार्रवाई करने की सोच रहा है.
12 जुलाई को व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने फॉक्स बिजनेस से कहा था, "TikTok और WeChat चीन के सबसे बड़े सेंसरशिप के प्रारूप हैं."
हालांकि, TikTok से नाराजगी की सबसे बड़ी वजह ट्रंप की टुल्सा रैली से जुड़ी लगती है. जून में कई TikTok यूजर और K-pop फैंस ने दावा किया था कि उन्होंने ओक्लाहोमा के टुल्सा में ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव कैंपेनिंग की एक बड़ी रैली की बहुत सारी टिकट ऑनलाइन खरीदी थी, लेकिन उनका वहां जाने का प्लान ही नहीं था. ट्रंप की ये रैली मीडिया रिपोर्ट्स में फ्लॉप बताई गई थी.
पिछले कुछ सालों में अमेरिकी सांसद और सरकार TikTok के खिलाफ आक्रामक हो गई है. TikTok के यूजर डेटा हैंडल करने के तरीके और इसकी पैरेंट कंपनी बाइटडांस के चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPP) से संबंध को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अमेरिकी नेताओं का कहना है कि TikTok पर डेटा चीन की इंटेलिजेंस या CCP को देने का दबाव डाला का सकता है.
जुलाई में 25 सांसदों ने ट्रंप को एक लेटर में लिखा, "ये साफ है कि अमेरिका को TikTok या किसी और भी चीनी ऐप या सोशल मीडिया वेबसाइट पर अमेरिकी लोगों के डेटा की सुरक्षा, निजता के लिए भरोसा नहीं करना चाहिए. हम अपील करते हैं कि CCP के हमारे देश के खिलाफ जासूसी के कैंपेन और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में आप कड़े कदम उठाएं."
TikTok का कहना है कि वो पॉलिटिकल नहीं है. TikTok के सीईओ केविन मायर ने इस हफ्ते एक पोस्ट में लिखा, "हम पॉलिटिकल एडवर्टाइजिंग मंजूर नहीं करते हैं और हमारा कोई एजेंडा नहीं है. TikTok लेटेस्ट टारगेट बन गया है, लेकिन वो दुश्मन नहीं है."
अमेरिकी कानून राष्ट्रपति को किसी फ्री सोशल मीडिया ऐप पर 'बैन' लगाने की ताकत नहीं देता है. हालांकि, अमेरिका के एक्सपोर्ट कंट्रोल, सैंक्शंस कानून और दूसरे राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधान TikTok पर कुछ प्रतिबंध लगाने में मदद कर सकते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के पास जो विकल्प बचता है, उसे Committee on Foreign Investment in the United States (CFIUS) कहते हैं. ये कमेटी कॉमर्स डिपार्टमेंट का हिस्सा है. इसके जरिए अमेरिकी सरकार बाइटडांस को TikTok के अमेरिकी बिजनेस को बेचने के लिए मजबूर कर सकती है.
काफी समय से ऐसी खबरें थीं कि ट्रंप ऐसा आदेश जारी करने जा रहे हैं, जिसके जरिए वो बाइटडांस को TikTok से विनिवेश करने को मजबूर करेंगे. हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में TikTok बिजनेस खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है.
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