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दुनिया की आबादी (World Population) 8 अरब के पार पहुंच गई है. माना जा रहा है कि भारत (India) 2023 में दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलन जाएगा. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPF) के मुताबिक, दुनिया की आबादी 7 अरब से 8 होने में कुल 12 साल लगे हैं. वहीं, इसे 8 अरब से 9 अरब होने में 15 साल लग सकते हैं क्योंकि जनसंख्या वृद्धि की दर कम हुई है.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPF) के मुताबिक, दुनिया की आबादी 8 अरब के पार पहुंच गई है और यह बढ़ती जा रही है. लेकिन गिरती प्रजनन दर की वजह से आधी सदी के बाद जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट हुई है. प्रजनन दरऔर मृत्यु दर का गणित जटिल है, लेकिन आसान भाषा में समझें तो अगर मौत से अधिक जन्म होते हैं तो जनसंख्या बढ़ती है.
लेकिन जैसे-जैसे पीढ़ी दर पीढ़ी कम बच्चे पैदा होते गए, वृद्धि दर धीमा होते गया. 1950 के दशक के बाद 2020 में पहली बार जनसंख्या वृद्धि दर प्रति वर्ष 1% से नीचे आ गया. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुमान के मुताबिक, 2080 के दशक में दुनिया की आबादी 10.4 अरब तक पहुंच जाएगी और सदी के अंत तक इतनी ही रहेगी.
1963 में वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 2.3%
2022 में वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 0.8%
7 से 8 अरब होने में लगभग 12 साल लगे
अगले 1 अरब में लगभग 14.5 साल (2037) लगने की उम्मीद है
2080 के दशक के दौरान दुनिया की आबादी 10.4 अरब तक पहुंचने की संभावना
2100 तक वैश्विक जनसंख्या के 10.4 अरब के स्तर पर बने रहने का अनुमान
2022 तक दुनिया के आधे से अधिक लोग एशिया में रहते हैं. दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र पूर्वी और दक्षिणपूर्वी एशिया हैं, जहां 2.3 अरब लोग रहते हैं. वहीं मध्य और दक्षिणी एशिया में 2.1 अरब लोग रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPF) के मुताबिक,
1980 के बाद से उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में आबादी सबसे तेजी से बढ़ी है. इसकी विकास दर 1978 में 3% प्रति वर्ष थी, जो तब से थोड़ी कम होकर 2022 में 2.5% हो गई- अभी भी वर्तमान वैश्विक औसत 0.8% से लगभग तिगुनी है.
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